देश में पेट्रोल-डीजल की लगातार बढ़ रही कीमतों को देख लगातार मांग उठ रही है कि पेट्रोल और डीजल को भी GST के दायरे में लाया जाए। कई बार देश के वित्त मंत्री और पेट्रोलिय मंत्री इसके समर्थन में बयान दे चुके हैं। हालांकि पेट्रोल और डीजल को GST के दायरे में रखा जाए या नहीं इसपर अंतिम फैसला GST काउंसिल को ही करना है और GST काउंसिल की आज होने वाली अहम बैठक में अगर पेट्रोल और डीजल को GST के दायरे में करती है तो इससे पेट्रोल-डीजल की कीमतों में भारी कटौती हो सकती है।
गुड्स एंड सर्विस टैक्स (GST) से जुड़े सारे फैसले लेने वाली GST काउंसिल की 25-वीं बैठक आज होने जा रही है और आज की बैठक में कई वस्तुओं और सेवाओं पर पर टैक्स घटाने या बढ़ाने को लेकर फैसला हो सकता है। ऐसी संभावना जताई जा रही है कि GST काउंसिल पेट्रोल और डीजल पर भी चर्चा कर सकती है। GST के तहत अधिकतम 28 प्रतिशत ही टैक्स लगाया जा सकता है और पेट्रोल और डीजल पर अगर अधिकतम दर से टैक्स लगाया जाए तो भी इसपर मौजूदा समय में लगने वाले अन्य टैक्स से कम ही पड़ेगा जिससे आम जनता को पेट्रोल और डीजल की बढ़ी हुई कीमतों से राहत मिल सकती है।
पेट्रोल और डीजल को को GST के दायरे में लाने से पहले सभी राज्यों के बीच सहमति बनना जरूरी है। मौजूदा समय में सभी राज्यों की कमाई का बड़ा जरिया पेट्रोल और डीजल हैं। हर राज्य अपनी जरूरत के मुताबिक पेट्रोल और डीजल पर सेल टैक्स लगाता है। राजधानी दिल्ली में पेट्रोल पर 27 प्रतिशत और डीजल पर 17.32 प्रतिशत सेल टैक्स और मुंबई में पेट्रोल पर 40.71 प्रतिशत और डीजल पर 24.94 प्रतिशत सेल टैक्स लिया जाता है। जबकि आंध्र प्रदेश, असम, केरल, पंजाब, राजस्थान, तमिलनाडू, तेलंगाना, उत्तराखंड और उत्तर प्रदेश में भी पेट्रोल पर सेल टैक्स 30 प्रतिशत से ज्यादा है।