देहरादून – अपर मुख्य सचिव राधा रतूड़ी ने नकली नोटों के मामलों को भी ई एफआईआर के माध्यम से दर्ज किए जाने हेतु परीक्षण कर प्रस्ताव बनाने के निर्देश दिए। वित्तीय अपराधों की रोकथाम के लिए उन्होंने उत्तराखण्ड पुलिस अधिकारियों तथा कमर्शियल बैंकों के एक साझा ट्रेनिंग प्रोग्राम आयोजित करने के निर्देश दिए। एसीएस राधा रतूड़ी ने बैंकों को उत्तराखण्ड के दूरस्थ पर्वतीय क्षेत्रों में अपनी सेवाएं देने का अनुरोध किया है। उन्होंने कहा कि राज्य के पहाड़ी क्षेत्रों से पलायन रोकने तथा चारधाम यात्रा मार्ग में तीर्थ यात्रियों की वित्तीय सुविधाओं को पूरा करने में बैंक अहम भूमिका निभा सकते है। साथ ही राज्य में फाइनेशियल लिटरेसी बढ़ाने में बैंकों का सबसे महत्वपूर्ण योगदान है।
बुधवार को रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया द्वारा उत्तराखण्ड राज्य हेतु आयोजित बैंको की 17वीं राज्य स्तरीय सुरक्षा समिति की बैठक में अपर मुख्य सचिव राधा रतूड़ी ने कहा कि पुलिस विभाग द्वारा आरबीआई तथा बैंकों के सुरक्षा कर्मियों को अग्निशमन, सुरक्षा आदि में प्रशिक्षण एवं सहायता हेतु यथासंभव सहयोग किया जाएगा। उन्होंने बैंकों को भी निर्देश दिए कि बैंक अपने परिसरों में पूर्णतः सीसीटीवी कैमरों की व्यवस्था करे। बैंकों में करेंसी चेस्टस (मुद्रा की तिजौरियों) का नियमित फायर ऑडिट सुनिश्चित करवाया जाए। एसीएस रतूड़ी ने कहा कि समस्त बैंक शाखाओं व एटीएम की सीसीटीवी कैमरों के साथ ही सिक्योरिटी गेजेट्स जैसे बर्गलरी अलार्म विद ऑटो डायलर, फायर अलार्म, बायोमेट्रिक एक्सेस तथा टाइम लॉक की व्यवस्था भी सुनिश्चित की जाए।