देहरादून – उत्तराखंड में आठ और भर्ती परीक्षाओं में धांधली के सुबूत मिले हैं। सभी भर्तियां वर्ष 2015 के बाद की बताई जा रही हैं। इन भर्तियों के संबंध में शासन और पुलिस विभाग में मंथन चल रहा है। बताया जा रहा है कि इनमें से कुछ में जल्द मुकदमे दर्ज हो सकते हैं।

फिलहाल एसटीएफ उत्तराखंड अधीनस्थ सेवा चयन आयोग की स्नातक स्तरीय और सचिवालय रक्षक भर्ती प्रक्रिया की मुकदमा दर्ज कर जांच कर रही है। 32 लोगों को गिरफ्तार किया जा चुका है। पेपर लीक का मास्टरमाइंड दागी कंपनी आरएमएस सॉल्यूशन का मालिक राजेश चौहान है। इस मामले में अब तक कई विभागों में काम करने वाले लोग भी गिरफ्तार हुए हैं। अधिकारिक सूत्रों के मुताबिक, इनसे पूछताछ में जांच की कई शाखाएं बनी हैं। इनमें आठ और भर्ती परीक्षाओं में धांधली का पता चला है।
वन दरोगा की ऑनलाइन परीक्षा समेत उत्तराखंड पॉवर कारपोरेशन लि. (यूपीसीएल) और उत्तराखंड जल विद्युत निगम लि. (यूजेवीएनल) में एई की भर्ती में धांधली के सुबूत मिले हैं। इनके अलावा पांच और भर्ती परीक्षाओं में गड़बड़ी की बात भी सामने आई है। एसटीएफ ने अभी इनके नामों का खुलासा नहीं किया है।
इनके बारे में पुलिस मुख्यालय को बताया जा चुका है। कई मामलों में जल्द ही मुकदमे दर्ज करने की तैयारी है। डीजीपी अशोक कुमार ने बताया कि एसटीएफ बेहतर काम कर रही है। कुछ भर्तियों में प्राथमिक जांच पूरी हो चुकी है। इनमें मुकदमे दर्ज करने की तैयारी की जा रही है।