बाघ से भिड़ने वाले और अपने भाई को बाघ से बचाने वाले नौजवान सुमित ममगांई को उत्तराखंड राज्यपाल डा. केके पॉल ने वीरता पुरस्कार देकर सम्मानित किया। बता दे सुमित को इसके लिए राष्टीय वीरता पुरस्कार से भी सम्मानित किया जा चुका है।
वर्ष 2009 में सुमित अपने चचेरे भाई रितेश के साथ जंगल में चारा लेने गया था। जहां अचानक ही बाघ ने रितेश पर हमला बोल दिया। बाघ के चंगुल में भाई को देख सुमित ने बिना डरे ही घास काटने वाले सामान से बाघ पर हमला किया। और सूझबूझ से बाघ को भागने में कामयाब रहा। इसके साथ ही सुमित ने भाई को वक्त रहते अस्पताल भी पहुंचाया।
सुमित की वीरता के लिए आज डा. कृष्ण कांत पाल ने राजभवन ने उसे वीरता पुरस्कार से नवाजा। राज्यपाल ने सुमित को पचास हजार रूपये की पुरस्कार धनराशि व प्रशस्ति पत्र देकर सम्मानित किया।