फर्जीवाड़ा से बचें, कोविन पोर्टल में कराये रजिस्ट्रेशन

 

कोरोना वैक्सीन का जहां इंतजार खत्म हो गया है तो वहीं इस बीच ऑनलाइन फर्जीवाड़ा भी देखने को मिल रहा है। सोश्ल मीडिया पर वैक्सीन बुकिंग के फर्जी ऑफर दिए जा रहे हे। ऐसे में उत्तराखण्ड के औषधि विभाग ने लोगों को इससे सावधान रहने को कहा है।

यही नहीं जालसाजों ने लोगों को चूना लगाने का काम शुरू भी कर दिया है। कोरोना के डर के बीच ठगों ने कोविड वैक्सीन को ठगी का नया हथियार बनाना शुरू कर दिया है। अगर आपके पास भी कोरोना की वैक्सीन बुक कराने के लिए किसी का फोन आए तो सावधान रहें। ऊधमसिंहनगर में ऐसे कई मामले सामने आ चुके हैं, जिनमें ठगों ने वैक्सीन के नाम पर लोगों को ठगने की कोशिश की। अब साइबर सेल लोगों को ऐसे ठगों के खिलाफ जागरूक करने में जुट गया है।

डार्कनेट वेबसाइट से रहें दूर

 

बता दें डार्कनेट वेबसाइट इस तरह के काम कर रही है। डार्कनेट पोर्टल एक तरह से इंटरनेट की काली दुनिया है। जहां ड्रग से लेकर हथियार बेचने और अन्य कई तरह के गैरकानूनी काम होते हैं। हम जिस इंटरनेट को जानते हैं या इस्तेमाल करते हैं वह पूरे वेब का सिर्फ चार प्रतिशत हिस्सा है। बाकी का 96 प्रतिशत हिस्सा पूरी तरह छिपा हुआ है जिसे डार्क वेब या डार्क नेट कहा जाता है। विशेषज्ञ आम लोगों को हमेशा डार्कनेट से दूर रहने की सलाह देते हैं।

कोविन पोर्टल में ही करे रजिस्ट्रेशन

कोरोना वैक्सीन के लिए केंद्र सरकार के स्तर पर कोविन पोर्टल बनाया गया है, जिसमें रजिस्ट्रेशन के जरिए की टीका मिलना है। उन्होंने कहा कि टीकाकरण को लेकर केंद्र व राज्य सरकार की ओर से दिए जा रहे निर्देशों का ही पालन करें और टीके की बुकिंग के नाम पर फर्जीवाड़े का शिकार होने से बचें। उन्होंने कहा कि टीके की ऑन लाइन बुकिंग के नाम पर बड़े स्तर पर फर्जीवाड़े की शिकायत मिल रही है।

उत्तराखंड को कोविशील्ड की एक लाख 13 हजार डोज मिली हैं जिसमें से 1640 डोज केंद्रीय स्वास्थ्य कर्मियों, 3450 सैन्य अस्पतालों और 1,07,530 डोज राज्य के सरकारी एवं निजी स्वास्थ्य कर्मियों के लिए दी गई है। सभी जिलों में गुरुवार को वैक्सीन पहुंच जाएगी। राज्य टीकाकरण के लिए पूरी तरह तैयार है।

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