
गौरतलब है की 16 जुलाई को दून में अलग-अलग इलाकों के 121 लोगों के अलग-अलग बैंकों के खातों से लाखों रुपये उड़ा दिए गए थे । घटना की सूचना के बाद लोगों में हडकंप मच गया था । एटीएम कार्ड का डाटा चुराकर, खातों में सेंध लगाने के शहर में अब तक के सबसे बड़े मामले में साइबर क्रिमिनल्स ने अलग-अलग बैंकों के दर्जनों खाताधारकों के लाखों रुपयों पर हाथ साफ कर दिया था। लोगों को जैसे ही सूचना मिली की उनके खाते प सेंध लगी है तो लोग पुलिस के पास शिकायत दर्ज कराने पहुंचने लगे।
उस समय अंदेशा लगाया गया था कि एटीएम कार्ड क्लोनिंग के जरिए डाटा चुराकर वारदात अंजाम दी गई है। सभी खातों से कैश जयपुर स्थित अलग-अलग एटीएम से निकाले गए हैं। जिनके खातों से कैश निकाले गए हैं उनके एटीएम कार्ड उन्हीं के पास हैं। वारदात का शिकार बने सभी पीड़ित थाना नेहरू कॉलोनी, डालनवाला, रायपुर और शहर कोतवाली थाना क्षेत्र के रहने वाले है। सर्वाधिक मामले स्टेट बैंक ऑफ इंडिया के खाताधारकों के हैं। इसके अलावा पंजाब नेशनल बैंक, यूनियन बैंक, आईडीबीआई, आईसीआईसीआई के खाताधारक भी शिकार बने हैं। पीड़ितों के मुताबिक शुक्रवार देर रात पांच लोगों ने उनके खातों से कैश निकाले जाने की सूचना नेहरू कालोनी थाना पुलिस को दी थी। पुलिस ने आदतन इसे नजरअंदाज कर दिया। शनिवार को भी कई लोग नेहरू कॉलोनी थाने में इस तरह की शिकायतें लेकर पहुंचे। खाताधारकों ने कहा कि एटीएम कार्ड उनके पास हैं, लेकिन उनके खातों से जयपुर स्थित एटीएम से कैश निकाला गया है। मोबाइल पर मैसेज आने के बाद उन्हें इसकी जानकारी मिली है। थाने में सुनवाई नहीं हुई तो कई लोग शिकायत लेकर एसएसपी कार्यालय पहुंचे। एसएसपी ने सवाल किया तो पुलिस को होश आया। एसएसपी निवेदिता कुकरेती के मुताबिक एक साथ अलग-अलग बैंकों के खातों से कैश निकालने के मामले की जांच के लिए टीम गठित कर दी है।