उत्तराखंड भारत के उत्तरी राज्यों में से एक पहाड़ी राज्य है, जो यूपी से अलग होने के बाद पहले उत्तरांचल और अब उत्तराखंड के नाम से जाना जाता है। चारो और पहाड़ियों के बीच पर बसा देहरादून इसकी राजधानी है, जो चारों ओर से प्राकृतिक दृश्यों से घिरा हुआ है। इस राज्य का क्षेत्रफल 53,483 वर्ग किमी. है और यह भौगोलिक तौर पर मुख्यतः दो हिस्सों गढ़वाल और कुमाऊं में बंटा हुआ है। यह राज्य अपने प्रचुर प्राकृतिक संसाधनों, घने जंगलों, ग्लेशियरों और बर्फ से ढंकी चोटियों के लिए जाना जाता है।

हिल स्टेशनों की सुरम्यता के साथ-साथ धार्मिक महत्व के स्थान होने के कारण देश और दुनियाभर के लोग यहां आते हैं। उत्तराखंड ट्रैकिंग, क्लाइंबिंग और वाटर राफ्टिंग जैसे एडवेंचर स्पोर्ट्स का केंद्र भी है और इस कारण युवाओं की पहली पसंद है।

कैसे पहुंचें

वायु मार्ग से
राज्य का सबसे महत्वपूर्ण हवाई अड्‌डा देहरादून में जॉली ग्रांट एयरपोर्ट है। यहां से दिल्ली के लिए नियमित उड़ानें हैं। इसके अलावा कुमाऊं क्षेत्र में पंतनगर एयरपोर्ट है, जहां घरेलू विमान सेवाएं उपलब्ध हैं।

 

रेल मार्ग से
राज्य में सिर्फ 345 किमी. रेलवे ट्रैक है। नैनीताल से 35 किमी. दूर काठगोदाम रेलवे स्टेशन है, जो उत्तर-पूर्वी रेलवे का करीब-करीब अंतिम स्टेशन है। यह नैनीताल को देहरादून, दिल्ली और हावड़ा से जोड़ता है। राज्य के पंतनगर, लालकुआं और हलद्वानी में भी रेल सुविधा उपलब्ध है। देहरादून और हरिद्वार राज्य के दो प्रमुख स्टेशन हैं, जो देश के अधिकतर शहरों और हिस्से से जुड़े हुए हैं। ऋषिकेश, रामनगर और कोटद्वार में भी रेल सुविधा उपलब्ध है।

 

बस मार्ग से
राज्य में सड़कों का जाल अच्छी तरह फैला हुआ है। यहां 28,508 किमी. सड़कों का जाल है। इसमें से 1,328 किमी. सड़क नेशनल हाइवे और 1,543 किमी. स्टेट हाइवे के अंतर्गत आता है। सड़क मार्ग के लिए उत्तराखंड ट्रांसपोर्ट कॉरपोरेशन बसें चलाता है। निजी ऑपरेटर भी बस, टैक्सी जैसी सुविधाएं देते हैं। राज्य के हर प्रमुख स्थान तक सड़क मार्ग से पहुंचा जा सकता है।

घूमने लायक जगह उत्तराखंड में कई ऐसे पर्यटन स्थल हैं, जिन्हें देश के सर्वश्रेष्ठ पर्यटन स्थलों की सूची में रखा जा सकता है। इनमें से इन प्रमुख स्थानों पर जरूर घूमना चाहिए:

बद्रीनाथ, केदारनाथ, गंगोत्री, यमुनोत्री, पंच केदार, जिम कॉर्बेट नेशनल पार्क, नैनीताल, रुद्रप्रयाग, चमोली, उत्तरकाशी, हरिद्वार, अल्मोड़ा, राजाजी नेशनल पार्क, ऋषिकेश, हेमकुंड साहिब गुरुद्वारा, रूपकुंड, औली, नंदा देवी और गोमुख।

उत्तराखंड में देखने लायक स्थान

 

मसूरी
मसूरी देहरादून से 34 किमी. दूर स्थित है। यह गढ़वाल की पहाड़ी पर समुद्र तल से 2003 मी. ऊंचाई पर है। मसूरी देश के सबसे आकर्षक हिल स्टेशनों में से एक है। हिंदुओं के प्रमुख तीर्थस्थल, जैसेः केदारनाथ, गंगोत्री, बद्रीनाथ, हरिद्वार, यमुनोत्री और ऋषिकेश यहां से ज्यादा दूर नहीं हैं।

 

गन हिल्स
यह मसूरी की दूसरी सबसे ऊंची चोटी है। गन हिल्स से हिमालय की खूबसूरती को बड़ी नजदीक से निहारा जा सकता है। यहां से मुख्यतः बुंदेरपुंछ, पिथौड़ा श्रीकांत और गंगोत्री ग्रुप करीब है। यहां से मसूरी शहर और दून घाटी को बर्ड व्यू (जैसा दृश्य चिड़िया को ऊंचाई से दिखता है) की तरह देख सकते हैं।

म्यूनिसिपल ग्राउंड
यह पिकनिक के लिए बेहद खूबसूरत जगह है। यहां एक सुंदर बाग और कृत्रिम झील है। झील में नौका विहार का मजा भी लिया जा सकता है।

चाइल्डर्स लॉज
यह मसूरी की सबसे ऊंची चोटी है, जो लाल टिब्बा के नजदीक है। यह पर्यटन कार्यालय से 5 किमी. दूरी पर है। यहां से बर्फ के दृश्य देखना बहुत रोमांचक अनुभव है।

कैमल बैक रोड
कुल तीन किमी. लंबी यह रोड रिंक हॉल के करीब कुलरी बाजार से शुरू होती है और लाइब्रेरी बाजार पर जाकर समाप्त होती है। इस सड़क का सबसे बड़ा आकर्षण यहां पर घुड़सवारी करना होता है। यहां आकर हिमालय में सूर्यास्त का खूबसूरत दृश्य देखने का मौका नहीं गंवाना चाहिए।

झड़ीपानी फॉल
यह फॉल मसूरी-झड़ीपानी रोड पर मसूरी से 8.5 किमी. दूरी पर स्थित है। पर्यटक झड़ीपानी तक 7 किमी. की दूरी बस या कार से तय कर सकते हैं। इसके बाद अगले 1.5 किमी. पैदल चलकर फॉल तक पहुंच सकते हैं।

भट्टा फॉल
यह फॉल मसूरी-देहरादून रोड पर मसूरी से 7 किमी. दूरी पर स्थित है। कोई भी मसूरी से बस या कार से चार किलोमीटर दूर स्थित बाटला गांव तक जा सकता है। इसके बाद की 3 किमी. यात्रा पैदल चलकर पूरी करनी पड़ती है।

रानीखेत
राजा सुधारदेव की रानी पद्मावती उत्तराखंड के रानीखेत पर कभी मोहित हो गई थीं। उन्होंने यह जगह देखने के बाद इसे ही अपना आवास बना लिया था। इसीलिए इस जगह को रानीखेत के नाम से जाना गया। इस स्थान से नंदा देवी (7817 मी.) समेत हिमाच्छादित मध्य हिमालय की चोटियां और जंगली जानवरों से भरा घना जंगल स्पष्ट देखा जा सकता है।

झूला देवी मंदिर
यह देवी दुर्गा को समर्पित यहां का अनूठा मंदिर है। मंदिर की तराशी हुई घंटियां अति सुंदर हैं। इसके नजदीक ही भगवान राम का मंदिर भी है।

चौबटिया
चौबटिया बगीचों के लिए है। यह रानीखेत से 10 किमी. दूरी पर है और मोटर-बाइक से पहुंचा जा सकता है। यहां सरकार द्वारा स्थापित फल संरक्षण केंद्र भी है। आसमान साफ होने पर चौबटिया से हिमालय की 30 किमी. विस्तार तक बर्फ से ढंकी चोटियां देखी जा सकती हैं। नंदा देवी, नंदा घुंटी, त्रिशूल और नीलकंठ की चोटियों के यहां से विहंगम दृश्य देखते जा सकते हैं। भालूडैम यहां से तीन किमी. दूरी पर है और इससे सटा एक सुंदर कृत्रिम झील है।

उपट और कालिका
उपट यहां से अल्मोड़ा रोड पर स्थित है। यहां नौ होल का सुंदर गोल्फकोर्स है। कालिका में मां काली का मंदिर है। कालिका इस मंदिर और हरी-भरी नर्सरी के लिए मशहूर है।

कुमाऊं
कुमाऊं उत्तराखंड का बेहद लोकप्रिय पर्यटन स्थल है जो बर्फीली पहाड़ियों, घाटियों, ग्लेशियरों, झीलों, हरे-भरे मैदानों और जंगलों से घिरा है। यह राज्य के दो भौगोलिक क्षेत्रों में से एक है।

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