प्रदेश में नगर निकाय चुनाव की आहत से EVM पर छिड़ा संग्राम

उत्तराखंड में नगर निकाय चुनाव की तेज होती आहट के बीच उत्तराखंड की राजनीती में ईवीएम को लेकर संग्राम छिड़ा हुआ  है। कांग्रेस ईवीएम से नगर निकाय चुनाव कतई नहीं चाहती। विधानसभा चुनाव में झटका खाई हुई कांग्रेस ने बगैर देरी किए राज्य निर्वाचन आयोग का दरवाजा खटखटा दिया है।

जवाब देने में भाजपा भी पीछे नहीं है। भाजपा ने इसे कांग्रेस की हताशा और निकाय चुनाव में भी हारने के उसके डर बता दिया है। इन स्थितियों के बीच, राज्य निर्वाचन आयोग ने साफ किया है कि चुनाव किस तरह से होंगे, इस पर फैसला करने के लिए काफी वक्त बचा है। मांग करना सियासी दलों के हाथ में है, तो इस पर उचित फैसला करना आयोग का काम है।नगर निकाय चुनाव-18 में ईवीएम का इस्तेमाल होगा या नहीं, इस पर पत्ते देर से खुल पाएंगे। पिछली बार चार नगर निकायों में राज्य निर्वाचन आयोग ने ईवीएम से चुनाव कराए थे। मगर इस बार स्थिति कई वजह से बदली हुई है हालांकि राज्य निर्वाचन आयोग ने ईवीएम की संख्या बढ़ाने के लिए सरकार से 12 करोड़ का बजट मांगा है, लेकिन इस मामले में सब कुछ आसान नजर नहीं आ रहा है।

राज्य निर्वाचन आयोग के पास करीब 1700 ईवीएम हैं। इस संख्या बल के बूते वह पिछली बार देहरादून, हरिद्वार समेत चार नगर निकायों में ईवीएम से चुनाव कराने में सफल रहा था। मगर इस बार दून और हरिद्वार समेत सभी जगहों पर बडे़ पैमाने पर सीमा विस्तार हुआ है। दून की ही बात करें, तो 72 गांव इसके साथ जुड़ने जा रहे हैं।

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here