
उत्तराखंड के विकास की कहानी यहां के शहर और गांव की दशा बयां कर देंगे। पर यहां के राजनेताओं की कहानी चुनाव में जमा होने वाला उनका संपत्ति ब्यौंरा बयां कर रहा है।
उत्तराखंड में यहां के राजनेता अक्सर बजट का रोना रोते हैं। पर वो अपनी जेबें कैसे भरते है किसी को भनक तक नही। आप जानकर दंग रह जाएंगें कि पिछले कुछ सालों में कुछ माननीयों ने इतनी संपत्ति कमा ली जो आम लोगों के लिए ख्वाब ही है।
एडीआर इंडिया ने इन्हीं शपथ पत्रों के आधार पर 2012 के बाद 2017 में फिर चुनाव लड़ रहे विधायकों की संपत्ति का तुलनात्मक अध्ययन करने के बाद अपनी रिपोर्ट सार्वजनिक की है।
रिपोर्ट के मुताबिक बीजेपी के शैलेंद्र मोहन सिंघल की सिंघल की संपत्ति में सबसे अधिक इजाफा हुआ है। सिंघल 2012 में जसपुर से विधायक बन कर आए थे। 2012 में सिंघल की संपत्ति 3 करोड़ रुपए थी जो 2017 में 35 करोड़ रुपए हो गई है। यानी 32 करोड़ का इजाफा दूसरे नंबर पर कांग्रेस के नेता और विकासनगर विधायक नवप्रभात हैं। नवप्रभात की संपत्ति 3 करोड़ से 9 करोड़ हो गई है। तीसरे नंबर पर बीजेपी की रेखा आर्या हैं। रेखा आर्या की संपत्ति में 90 फीसदी का इजाफा हुआ है। रेखा आर्या की 2012 में संपत्ति 6 करोड़ थी जो 2017 में 12 करोड़ हो गई।
अब देखिए, प्रदेश बेहाल, जनता खस्ताहाल और नेता मालामाल। इस बार वोट जरा सोच समझ के दीजिएगा। क्या पता कोई लूटरे विधायक फिर चूना न लगा दें!