
अपर मुख्य सचिव ‘सूचना’ नवनीत सहगल ने बताया कि मुख्यमंत्री नेतृत्व में प्रदेश में 3 टी के अभियान से प्रदेश में अन्य प्रदेशों की तुलना में कोविड संक्रमण सबसे कम समय में नियत्रण में आया है। देश में सबसे कम समय में प्रतिदिन आने वाले सक्रिय मामलों में कमी आई है। उन्होंने कहा कि प्रदेश का 3 टी अभियान अन्य प्रदेशों के लिए एक माॅडल के रूप में सामने आया है। सर्विलांस के माध्यम से निगरानी समितियों द्वारा ट्रेसिंग के तहत घर-घर जाकर संक्रमण की जानकारी ली जा रही है। उन्होंने बताया कि इसके साथ-साथ 05 मई, 2021 से ग्रामीण क्षेत्रों में एक विशेष अभियान चलाकर, जिसमें निगरानी समितियों द्वारा घर-घर जाकर उन लोगों का जिनमें किसी प्रकार के संक्रमण के लक्षण होने पर उनका एन्टीजन टेस्ट भी कराया जा रहा है। अगर एन्टीजन टेस्ट निगेटिव आ रहा है और लक्षण हैं तो उनका आरटीपीसीआर टेस्ट भी कराया जा रहा है, इसके साथ-साथ उनको 11 लाख से अधिक मेडिकल किट भी बांटी गयी है। प्रदेश में संक्रमण कम होने पर भी कोविड-19 के टेस्टों की संख्या में निरन्तर बढ़ोत्तरी की जा रही है, ताकि संक्रमित व्यक्ति की पहचान करके इलाज किया जा सके। उन्होंने बताया कि 31 मार्च से अब तक 70 प्रतिशत टेस्ट ग्रामीण क्षेत्रों में किये गये है।
सहगल ने बताया कि प्रदेश के सभी जनपदों में कोविड के एक्टिव केसों की संख्या 600 से कम होने पर जनपदों में आंशिक कोरोना कफ्र्यू हटाकर पूर्व की तरह साप्ताहिक बंदी लागू कर दी गयी है। उन्होंने बताया कि साप्ताहिक बंदी के दौरान ग्रामीण क्षेत्रों व शहरी क्षेत्रों मंे फोगिंग, सैनेटाइजेशन व साफ-सफाई का अभियान चलाया जा रहा है। इस अभियान में लगभग 1.50 लाख से अधिक कर्मचारी लगाये गये है। प्रदेश में कोविड टीकाकरण अभियान तेजी से चलाया जा रहा है। माह जून में 01 करोड़ टीकाकरण का लक्ष्य रखा गया है। अगले माह से प्रतिदिन 10 लाख से अधिक टीके लगाने का लक्ष्य रखा गया है। बड़े औद्योगिक ईकाइयों को कहा गया है कि वे अपनी ईकाइयों में कार्य कर रहे कर्मचारियों का टीकाकरण करायें सरकार द्वारा आवश्यक सहयोग दिया जायेगा। उन्होंने बताया कि प्रदेश में आॅक्सीजन युक्त बेडों की संख्या मंे निरन्तर बढ़ोत्तरी की जा रही है। जिसके क्रम में कल 106 बेडों की बढ़ोत्तरी की गयी है। कोविड-19 संक्रमण से बच्चों के उपचार के लिए पीकू/नीकू बेड भी तैयार किये जा रहे है।
सहगल ने बताया कि आंशिक कोरोना कफ्र्यू के बावजूद भी औद्योगिक गतिविधियां में तेजी से कार्य किया जा रहा है। प्रदेश में आने वाले नये निवेशकों के प्रस्तावों पर सहमति अथवा अनुमति तत्काल दिये जाने के निर्देश मुख्यमंत्री जी द्वारा दिये गये हैं। लगभग 66,000 करोड़ के नये प्रस्ताव पर कार्यवाही चल रही है। उन्होंने बताया कि एमएसएमई एक्ट में संसोधन करते हुए नये उद्योगों को लगाने को सरल किया गया है, जिसमें 1000 दिन तक किसी प्रकार के कागज की आवश्यकता नहीं है। जो एमओयू किये गये हैं उन्हें धरातल पर उतारा जा रहा है। उन्होंने बताया कि ग्रामीण क्षेत्रों में 15 लाख मजदूर मनरेगा के तहत कार्य कर रहे हैं। मुख्यमंत्री द्वारा मनरेगा के माध्यम से स्थानीय स्तर पर रोजगार देने के कार्यों का और तेजी से अमल में लाने के निर्देश दिये गये हैं।