पीवी सिंधु, साक्षी मलिक दीपा कर्मकार और जीतू राय खेल रत्न पुरस्कार से सम्मानित

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नई दिल्ली: खेल दिवस के मौके पर रियो ओलिंपिक में भारत का नाम रोशन करने वाली पीवी सिंधु, साक्षी मलिक और दीपा कर्मकार और निशानेबाज जीतू राय को खेल रत्न पुरस्कार से सम्मानित किया गया.

दीपा के कोच बिश्वेश्वर नंदी और भारतीय टेस्ट टीम के कप्तान विराट कोहली के मेंटर राजकुमार शर्मा को द्रोणाचार्य पुरस्कार से सम्मानित किया गया. नागपुरी रमेश (एथलेटिक्स), सागर मल दयाल (मुक्केबाजी), प्रदीप कुमार ( तैराकी, आजीवन) और महावीर सिंह (कुश्ती, आजीवन ) के लिए द्रोणाचार्य पुरस्कार सम्मानित किया.

गौरतलब है कि बैडमिंटन खिलाड़ी सिंधु ने जहां रियो ओलिंपिक में महिला एकल का रजत पदक जीतकर नया इतिहास रचा वहीं साक्षी ने महिला कुश्ती के 58 किग्रा में कांस्य पदक हासिल किया. ओलिंपिक के लिए क्वालीफाई करने वाली पहली भारतीय महिला जिम्नास्ट दीपा केवल 0.15 अंक के अंतर से कांस्य पदक से चूक गई लेकिन उनके जोखिम भरे प्रोदुनोवा में शानदार प्रदर्शन ने देश के लोगों का दिल जीत लिया था.जीतू ने पिछले दो वर्षों में कई पदक जीते जिनमें एशियाई और राष्ट्रमंडल खेलों में स्वर्ण तथा विश्व चैंपियनशिप में रजत पदक शामिल हैं.

15 खिलाड़ियों को अर्जुन पुरस्कार से सम्मानित किया गया, जिनमें रजत चौहान (तीरंदाजी), ललिता बाबर (एथलेटिक्स), सौरव कोठारी (बिलियर्डस एवं स्नूकर), शिव थापा (मुक्केबाजी), अजिंक्य रहाणे (क्रिकेट), सुब्रत पॉल (फुटबॉल), रानी (हॉकी), वी आर रघुनाथ (हॉकी), गुरप्रीत सिंह (निशानेबाजी), अपूर्वी चंदेला (निशानेबाजी), सौम्यजीत घोष (टेबल टेनिस), विनेश (कुश्ती), अमित कुमार (कुश्ती), संदीप सिंह मान (परा एथलेटिक्स) और वीरेंद्र सिंह (कुश्ती, बधिर) शामिल हैं.
ध्यानचंद पुरस्कार : सती गीता (एथलेटिक्स), एस डुंग डुंग (हॉकी), राजेंद्र प्रहलाद शेल्के (रोइंग) मौलाना अब्दुल कलाम आजाद ट्रॉफी 2015-2016 : पटियाला की पंजाब यूनिवर्सिटी को मिली.

खेल रत्न पुरस्कार सबसे बेजोड़ प्रदर्शन करने वाले खिलाड़ी को दिया जाता है. इसमें पदक के अलावा प्रशस्ति पत्र और 7.5 लाख रुपए की नकद राशि दी जाती है. अर्जुन पुरस्कार भी लगातार अच्छा प्रदर्शन करने वाले खिलाड़ियों को दिया जाता है जबकि द्रोणाचार्य पुरस्कार उन कोच को दिया जाता है जिन्होंने अच्छे खिलाड़ी तैयार करने में योगदान दिया हो.

ध्यानचंद पुरस्कार खेलों के विकास में आजीवन योगदान के लिए दिया जाता है. अर्जुन, द्रोणाचार्य और ध्यानचंद पुरस्कार विजेताओं की प्रतिमा, प्रमाणपत्र और पांच लाख रुपए की नकद धनराशि मिलती है. राष्ट्रीय खेल प्रोत्साहन पुरस्कार में ट्रॉफी और प्रमाणपत्र दिया जाएगा.

अंतरविश्वविद्यालय टूर्नामेंट में सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन करने वाले विश्वविद्यालय को मौलाना अब्दुल कलाम आजाद ट्रॉफी दी जाती है जिसकी पुरस्कार राशि दस लाख रुपए है. इसमें प्रमाणपत्र भी मिलता है. पुरस्कार पाने वाले खिलाड़ियों का चयन एक समिति करती है जिसमें पूर्व ओलिंपियन, अर्जुन पुरस्कार विजेता, द्रोणाचार्य पुरस्कार विजेता, ध्यानचंद पुरस्कार विजेता, खेल पत्रकार, विशेषज्ञ, कमेंटेटर और खेल प्रशासक शामिल होते हैं.

राजीव गांधी खेल रत्न पुरस्कार और अर्जुन पुरस्कार चयन समिति के अध्यक्ष दिल्ली उच्च न्यायालय के सेवानिवृत न्यायधीश एस के अग्रवाल थे. द्रोणाचार्य और ध्यानचंद पुरस्कार चयन समिति की अध्यक्षा एम सी मेरी कोम थी जबकि राष्ट्रीय खेल प्रोत्साहन पुरस्कार के चयन पैनल के प्रमुख खेल सचिव राजीव यादव थे. पुरस्कार 29 अगस्त को राष्ट्रपति भवन में आयोजित समारोह में प्रदान किए जाएंगे.

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