यूपी में योगी आदित्यनाथ सरकार के 6 महीने का कार्यकाल पूरा हो चूका हैं। हालांकि इन 6 महीनों के कार्यकाल में जहां योगी सरकार को कई मोर्चों पर सफलता मिली है तो कई मामलों में नाकामी का मुंह भी देखना पड़ा है लेकिन एक बात खास देखने को मिली है प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और योगी आदित्यनाथ के बीच कुछ समानताएं है। तो आइए विस्तार से नजर डालते हैं।
योगी-मोदी की एक ही स्टाइल न सोऊंगा न सोने दूंगा
देश के सबसे बड़े राजनीतिक प्रदेश की कमान मिलने के बाद से ही योगी सरकार का काम करने का स्टाइल काफी चर्चा में है. सीएम योगी बिना रूके-थके लगातार काम करते जा रहे हैं, कहा जाता है कि वो दिन में 15-16 घंटे काम करते हैं. ऐसे में उनकी तुलना पीएम मोदी से होना लाजिमी है.
वंही पीएम मोदी भी लगातार काम करने और करवाने के लिए जाने जाते हैं, आधी-आधी रात में कई विभागों का प्रजेंटशन देखना भी दोनों के स्टाइल में है। पीएम मोदी के लिए भी कहा जाता है वो खुद भी 15-20 घंटे काम करते है और कराते है। मोदी खुद भी कह चुके है वो सिर्फ 3-4 घंटे ही सोते है।
अधिकारियों पर पूरा भरोसा करते है मोदी और योगी
हाल ही में पीएम मोदी की कैबिनेट में हुए फेरबदल में कई दमदार पूर्व नौकरशाहों को मंत्री पद दिया गया। सिर्फ इतना ही नहीं अंदरखाने बात ये भी चलती है कि NSA अजीत डोभाल रक्षामंत्रालय के अधिकतर कामों को खुद ही निपटा देते हैं. पीएमओ की ताकत से तो बड़े-बड़े केंद्रीय मंत्री भी कांपते हैं.
ऐसे में इस बात पर कोई शक नहीं है कि मोदी को अपने अधिकारियों पर पूरा भरोसा है. वहीं जब योगी ने भी सत्ता में आते ही उन्होंने कहा था कि सिर्फ काम करने वाले अधिकारियों की ही जरूरत है। चाहे आईएएस अधिकारी हो या आईपीएस, सीएम योगी ने खुली छुट दे रखी है. यही वजह है कि पिछले 6 महीने में हुए 420 एनकाउंटर इसी की ही देन है.
सत्ता में आते ही लिए कड़े फैसले
मोदी और योगी दोनों नेताओं की छवि कट्टर हिंदूवादी मानी जाती रही है। सरकार आने के बाद योगी आदित्यनाथ ने अवैध बूचड़खाने बंद कराने जैसे कड़े कदम उठाए, ऐसे में कहा जा सकता है कि वो अपनी छवि से कोताही नहीं बरतेंगे। दोनों नेताओ में एक बात और कॉमन है हर रोज योग और व्यायाम. चाहें कितना भी बिजी शेड्यूल क्यों न हो ये दोनों योग और व्यायाम करना नहीं भुलते.
योगी आदित्यनाथ ने सत्ता में आने के बाद ही लगातार बड़े फैसले लिए हैं, ये ठीक वैसा ही था जैसा नरेंद्र मोदी ने प्रधानमंत्री बनने के बाद किया था. एंटी रोमियो स्कॉड, बूचड़खानों पर सख्ती, किसानों की कर्जमाफी, अन्नपूर्णा भोजनालय योगी आदित्यनाथ के कुछ ऐसे ही फैसले हैं. वहीं प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी सरकार की नोटबंदी, जीएसटी, मेक इन इंडिया, स्वच्छ भारत अभियान को कौन भूल सकता है.
ऐसे में योगी-मोदी की ये जोड़ी देश और उत्तर प्रदेश को कितना सुशासन और सुधार दिला पाती है इसमें थोड़ा और वक्त लगेगा.