लखनऊ : उत्तर प्रदेश में सत्तारुढ़ समाजवादी पार्टी (सपा) के राष्ट्रीय अध्यक्ष मुलायम सिंह यादव की ओर से मुख्यमंत्री अखिलेश यादव व राष्ट्रीय महासचिव प्रो. रामगोपाल यादव को छह वर्ष के लिए पार्टी से बाहर किए जाने के बाद उनके फैसले पर सवाल खड़ा करते हुए रामगोपाल ने कहा कि उन्हें असंवैधानिक तरीके से पार्टी से बाहर निकाला गया है. लखनऊ में पत्रकारों से बातचीत करते हुए रामगोपाल ने कहा, “पार्टी के भीतर पूरा काम ही असंवैधानिक हो रहा है. जब मुझसे जवाब मांगा गया था, तब निकालने की क्या जरूरत थी. यह तो असंवैधानिक है.”
मुलायम पर पलटवार करते हुए रामगोपाल ने कहा कि पार्टी अध्यक्ष व प्रदेश अध्यक्ष ने मिलकर टिकटों की घोषणा कर दी. क्या टिकट पर चर्चा करने के लिए संसदीय बोर्ड की बैठक कभी बुलाई गई? क्या संसदीय बोर्ड का कोई मतलब नहीं है?
रामगोपाल ने कहा कि मुलायम कह रहे हैं कि अन्य राज्यों से लोग अधिवेशन में कैसे पहुंचते. उन्होंने कहा, “आप बताइए कि क्या उप्र से बाहर पार्टी का कोई जनाधार है? विधिक रूप से केवल उप्र में ही पार्टी की मौजूदगी है. अन्य राज्यों में केवल पदाधिकारी नियुक्त किए गए हैं.”
उन्होंने कहा कि राष्ट्रीय अधिवेशन बुलाया गया है और वह पूरा होगा. आपातकालीन अधिवेशन ऐसे ही बुलाया जाता है. उसके लिए कोई समयसीमा तय नहीं की जाती.
गौरतलब है कि मुलायम सिंह ने विधानसभा 2017 के लिए पहले 325 की सूची जारी की थी. इस सूची में अखिलेश के करीबियों का टिकट काट दिया गया था. इसके बाद अखिलेश ने भी बगावती सुर अपनाते हुए गुरुवार की देर रात 235 प्रत्याशियों की सूची जारी कर दी थी. नाटकीय घटनाक्रम में गुरुवार की ही देर रात शिवपाल यादव ने 68 प्रत्याशियों की दूसरी सूची भी जारी कर दी.