पार्टी की मजबूती के लिए उन्हें अपमान का घुट पीना पड़े,मुझे मंजूर है-किशोर

भले ही प्रदेश कांग्रेस बड़े नेता पार्टी में एकजुटता का दम भर रहे हो लेकिन हालात कुछ और ही बयां कर रहे है आजकल लग रहा है की पूर्व कांग्रेस अध्यक्ष किशोर उपाध्याय और पूर्व मुख्यमंत्री के बीच कुछ मतभेद चल रहे है क्योकि राष्टपति पद की उम्मीदवार मीरा कुमार के दून दौरे के दौरान किशोर उपाध्याय को नजरअंदाज करना,और अब पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत की आम, काफल, हरेला पार्टी को लेकर किशोर की टिप्पणी करना साफ बयां कर रहा है की पार्टी में सब कुछ ठीक नहीं है
यूपीए की राष्टपति पद की उम्मीदवार मीरा कुमार के दून दौरे पर नजरंअदाज करने के मामले पर किशोर ने कहा की क्या हुआ क्यों हुआ इस पर उन्हें ज्यादा कुछ नहीं कहना है लेकिन कांग्रेस की मजबूती के लिए अगर उन्हें अपमान का घुट भी पीना पड़े तो वे पी लेंगे।गौरतलब हे की मीरा कुमार के देहरदून आगमन पर किशोर को न मच पर जगह दी गई और मिलने पर भी उन्हें रोका गया
वही किशोर ने पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत की आम पार्टी, काफल पार्टी, हरेला पार्टी को लेकर टिप्पणी करते हुए कहा की अभी कांग्रेस का पार्टी मानाने का टाइम नहीं है मेने तो कांग्रेस की इतनी बड़ी हार के बाद अपनी बेटी का जन्मदिन ही नहीं मनाया था साथ ही उन्होंने कहा की जब कांग्रेस का पार्टी मानाने का टाइम आएगा तब कांग्रेस जरूर मनाये
कांग्रेस पूर्व अध्यक्ष किशोर उपाधयाय ने कांग्रेस भवन में आयोजित प्रेसवार्ता में राज्य की परिसम्पतियों के बटवारे के मामले में कहा की राज्य के सरोकारों से जुड़े जितने भी लोग है उन्हें अपनी आवाज उठानी चाहिए  क्योकि जिस तरह से उत्तर प्रदेश की तरफ से खबरे आ रही है की उन्होंने परिसम्पति मामले में काफी कुछ फैसला कर लिया हे  इसे या तो सरकार स्पस्ट करे या फिर अपने अधिकारों के लिए आवाज उठाए क्योकि परिसम्पति का बटवारा न कर बीजेपी ने ही इस मामले को २००२ में उलझा दिए था और अगर तब फैसला हो जाता तो आज यह स्थिति न होती

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