पांच गांवों के बेरोजगार के लिए पायलट प्रोजेक्ट तैयार

देहरादून। टिहरी की चम्बा धनौल्टी फल पट्टी के अंतर्गत स्थित 5 गांवो में पढ़े लिखे बेरोजगार युवाओं-युवतियों व कृषको की प्रति आय में वृद्धि व रोजगार हेतु एक पायलट प्रोजेक्ट तैयार किया जा रहा है। यह प्रोजेक्ट हिमालयन इंस्टीट्यूट फॉर इन्वायरनमेंट इकोलोजी एंड डेवलपमेंट व भारत सरकार के पर्यावरण, वन एंव जलवायु परिवर्तन मंत्रलय के नेशनल मिशन ऑन हिमालय स्टडीज के वित्तीय सहयोग से किया जा रहा है।
प्रोजेक्ट परियोजना के अंतर्गत चयनित गांवो को जैविक गांवो के रूप में विकसित किया जाएगा व कृषकों की प्रति इकाई उत्पादकता में वृद्धि हेतु उन्नत तकनीक प्रदान करना व कृषक, मुर्गी पालन आदि के इच्छुक ग्रामीणों को पूर्ण रूप से सहयोग किया जाएगा। परियोजना में कृषको को सिंचाई की सुविधा उपलब्ध कराना, स्थानीय भोज्य पदार्थो की किस्मों का प्रचार प्रसार कर पर्यटको के लिए फलों एवं सब्जियों से बने पदार्थ जैम, चटनी आदि उपलब्ध करवाना, गांवो के पढ़े-लिखे बेरोजगार युवक-युवतियों को टूरिस्ट गाइड करने के लिए भी बैलेज कम्पनी द्वारा प्रशिक्षित कर तैयार करना जैसे कार्यो के लिए सहयोग किया जाएगा। जिससे वह अपनी आमदनी से आजीविका का निर्वहन कर सकेंगे।
होम स्टे में वर्ष भर अतिथि रहे इसी को ध्यान में रखते हुए हाईफीड द्वारा अहमदाबाद स्थित बेलेजा होटल एंड रिसोर्ट्स से अनुबंध किया गया है। जो वर्ष भर अतिथियों की उपलब्धता सुनिश्चित करवाएंगे और होम स्टे से संबंधित समस्त कर्मिको का विभिन्न प्रकार से प्रशिक्षण भी उपलब्ध करायेंगें। परियोजना का उद्देश्य पलायन को रोकने व पढ़े लिखें बेरोजगार युवकों व युवतियों को स्थानीय स्तर पर रोजगार उपलब्ध कराने व उनकी कृषि से संबंधित उत्पादकता में वृद्धि के अतिरिक्त पारंमपरिक लोक कला व सांस्कृतिक धरोहर आदि को पुर्नजीवित करने में अहम भूमिका निभाएगी।

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