कुलदीप राणा, रुद्रप्रयाग: रुद्रप्रयाग में 29 विभागों वाला विकास भवन, जिलाधिकारी कार्यालय, तहसील कार्यालय, जजकोट, वनविभाग आदि सरकारी कार्यालय मुख्यलय से करीब 6-7 किमी0 की दूरी पर अलग-अलग दिशाओं में बने हुई हैं, जिससे इन विभागों तक पहुँचने में भारी परेशानियों का सामना करना पड़ता है। सबसे बड़ी दिक्कत वाहनों के न मिलने से आम आदमी को होती है। जबकि एक कार्य कारवाने में कई दिन लग जाते हैं। इसी समस्या के स्थाई समाधान को लेकर जिलाधिकारी मंगेश घिल्डियाल ने अगस्त 2017 में यहां ई-रिक्शा का ट्राइल करवाया था जो पास भी हो गया था। जिलाधिकारी द्वारा आश्वासन दिया गया था कि एक माह के भीतर करीब दो ई-रिक्शा का संचालन किया जायेगा जो इन सरकारी कार्यालयों तक आम आदमी को लाने-लेजाने का कार्य करेंगे। लेकिन सात माह भी ई-रिक्शा का सपना पूरा नहीं हो पाया है। जिससे आम आदमी की समस्या जस की तस बनी हुई है। हालांकि पूर्व में राज्य पाल और नगर पालिका द्वारा भी आम आदमी की दिक्कत को देखते हुए तीन बसों का संचालन निःशुल्क रूप से किया जा रहा था किन्तु इन बसों का संचालन भी अब बंद कर दिया गया है। जिससे लोगों की समस्यायें और भी विकट हो गई है। जबकि यात्रा सीजन में वाहनों का और टोटा पड़ जाता है ऐसे में स्थिति और भी विकराल होने वाली है।