पडोसी को टॉर्चर करने के लिए सिपाही ने जूतों पर लिखा उसका सरनेम, मामला एसएसपी तक पहुंचा !

जूते कैसे किसी को इतना परेशान कर सकते हैं कि उसे पुलिस से मदद की गुहार लगानी पड़े। ऐसा हुआ है देहरादून के एक परिवार के साथ। पड़ोसी के घर में टंगे एक जोड़ी जूतों ने इस परिवार का घर से निकलना दुश्वार कर दिया है। यह किस्सा सामने आया नई रिस्पना पुरम कॉलोनी से में बसे दो परिवारों के बीच।

उत्तराखंड सचिवालय में चतुर्थ क्लास के कर्मचारी नरेश ममगाईं घर का दरवाजा जब भी खोलता और सामने उसको जो दिखता उसका खून खौल जाता। उनकी पत्नी जब भी दरवाजा खोलती तो सामने का दृश्य देख डर जातीं, उनके मासूम बच्चों को सामने का नज़ारा देख दहशत से सिर झुकाकर चलना पड़ता। दरअसल, ममगाईं के घर के सामने रहने वाला पड़ोसी उन्हें अजीबो-गरीब तरीके से टॉर्चर कर रहा है। चुतुर्थ श्रेणी कर्मी का आरोप है कि उनके घर के सामने 3 सालों से पुलिस कांस्टेबल रहता है। वह लंबे समय से किसी ना किसी तरह उनके परिवार को परेशान कर रहा है। कभी घर के आगे कूड़ा फेंक कर तो कभी बच्चों पर कुत्ते छोड़कर।

ये दुश्मनी पैसे या जमीन जायदाद को लेकर नहीं बल्कि विचारों को लेकर है। आलम यह है कि सिपाही कभी फोन कान पर लगाकर गालियां देने लगता है तो कभी किसी अन्य बहाने उल्टा सीधा बोलता है। इतना ही नहीं, अब जयवीर सिंह ने नरेश ममगाईं को परेशान करने के लिए जूतों के तल पर उनका सरनेम लिखकर नरेश के घर की तरफ उनका मुंह कर दिया है। नरेश कहते है कि वो हार्ट के मरीज हैं और ये सब देखकर घर का एक-एक सदस्य परेशान है।

पीड़ित ने सोमवार को मामले की शिकायत एसएसपी और नेहरू कॉलोनी थाने में शिकायत की। जिसपर संज्ञान लेते हुए एसएसपी ने खुद पुलिसवाले के अधिकारी को फोन किया। जिसके बाद पुलिसवाले ने अपने घर से सामने से जुते हटा लिया,वर्तमान में आरोपी सिपाही पीटीसी (पुलिस ट्रेनिंग सेंटर) में है। बहरहाल, मामला जो भी हो लेकिन जिस तरह से इन दोनों परिवार के बीच विवाद चल रहा है वो पुलिस और आस-पड़ोसियों के बीच भी चर्चा का विषय बना हुआ है।

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