पंचकेदार में से एक केदार भगवान रुद्रनाथ मंदिर के कपाट आज शुभ लगन में विधि विधान के साथ श्रधालुओं के लिए बंद कर दिए गये। इस मौके पर सेकड़ों श्रधालुओं ने भगवान रुद्रनाथ के दर्शन किये | भगवान रुद्रनाथ की डोली अपने शीतकालीन प्रवास पर गोपीनाथ मंदिर गोपेश्वर के लिए रवाना हो गयी। 6 महीने भगवान रुद्रनाथ की पूजा अर्चना गोपीनाथ मंदिर में की जाती है |
आपको बतादें कि रुद्रनाथ मंदिर भारत के उत्तराखण्ड राज्य के चमोली जिले में स्थित भगवान शिव का एक मन्दिर है जो कि पंचकेदार में से एक है। समुद्रतल से लगभग 11000 फीट की ऊंचाई पर स्थित रुद्रनाथ मंदिर भव्य प्राकृतिक छटा से परिपूर्ण है। आपको बता दें कि रुद्रनाथ मंदिर में भगवान शंकर के मुख की पूजा की जाती है, जबकि संपूर्ण शरीर की पूजा नेपाल की राजधानी काठमांडू के पशुपतिनाथ में की जाती है। रुद्रनाथ मंदिर के सामने से दिखाई देती नन्दा देवी और त्रिशूल की हिमाच्छादित चोटियां यहां का आकर्षण बढाती हैं।
पंचकेदार में से एक भगवान रुद्रनाथ मंदिर के कपाट शीतकालीन के लिए हुए बंद
इस मंदिर के विषय में मान्यता है कि महाभारत के युद्ध के बाद पांडव हिमालय आये थे, पांडव भगवान् शिव से अपने पाप के लिए क्षमा चाहते थे क्यूँ कि वे महाभारत के युद्ध में कोरवों को मारने के दोषी थे, पर भगवान् शिव उनसे मिलना नहीं चाहते थे इसलिए उन्होंने अपने आप को नंदी बैल के रूप में बदल लिया और गडवाल क्षेत्र में कहीं छिप गए। वो रुद्रनाथ मंदिर जहां महादेव का सिर यहां इंडिया में, तो वहीं धड़ नेपाल में पूजा जाता है इसके तुरंत बाद भगवान शिव का शरीर चार अलग अलग भागों में विभाजित हो गया जिन्हें पंच केदार के रूप में जाना जाता है।