नोटबंदी के बाद पीएम की मन की बात…

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देश के लिए पीएम नरेद्र मोदी ने लिए नोटबंदी के बाद पहली बार मन की कार्यक्रम के जरिए जनता से रूबरू हुए।इस दौरान उन्होंने कहा कि माँ भारती की सेवा करने का एक अद्भुत मौका हमारे सामने आया है, देश को आर्थिक ऊंचाइयों पर ले जाने का अवसर आया है। मेरे नौजवानो, आप मेरी मदद कर सकते हो क्या? मुझे साथ दोगे, इतने से बात बनने वाली नहीं है। जितना आज की दुनिया का अनुभव आपको है, पुरानी पीढ़ी को नहीं है। हो सकता है, आपके परिवार में बड़े भाई साहब को भी मालूम नहीं होगा और माता-पिता, चाचा-चाची, मामा-मामी को भी शायद मालूम नहीं होगा। आप App क्या होती है, वो जानते हो, online banking क्या होता है, जानते हो, online ticket booking कैसे होता है, आप जानते हो। आपके लिये चीज़ें बहुत सामान्य हैं और आप उपयोग भी करते हो। लेकिन आज देश जिस महान कार्य को करना चाहता है, हमारा सपना है cashless society। ये ठीक है कि शत-प्रतिशत cashless society संभव नहीं होती है। लेकिन क्यों न भारत less-cash society की तो शुरुआत करे। एक बार अगर आज हम less-cash society की शुरुआत कर दें, तो cashless society की मंज़िल दूर नहीं होगी। और मुझे इसमें आपकी physical मदद चाहिए, ख़ुद का समय चाहिए, ख़ुद का संकल्प चाहिए। और आप मुझे कभी निराश नहीं करोगे, मुझे विश्वास है, क्योंकि हम सब हिंदुस्तान के ग़रीब की ज़िंदगी बदलने की इच्छा रखने वाले लोग हैं।

भाषण के प्रमुख अंश….

  • देशवासियों ने जो शुभकामनायें-सन्देश भेजे,अपनी ख़ुशियों में देश के सुरक्षा बलों को शामिल किया,उसका एक अद्भुत रिसपॉन्स था.
  • देशवासियों ने जिस अनूठे अंदाज़ में यह दिवाली जवानों को समर्पित की इसका असर वहाँ हर जवानों के चेहरे पर अभिव्यक्त होता था
    • जब सारा राष्ट्र सेना के साथ खड़ा होता है, तो सेना की ताक़त 125 करोड़ गुना बढ़ जाती है
    • मेरी आपसे appeal है कि हम अपना स्वभाव बनाएँ, कोई भी उत्सव हो, देश के जवानों को हम किसी-न-किसी रूप में ज़रूर याद करें
    • मैं छात्रों को अभिनन्दन करता हूँ, उनके माता-पिता को उनके परिजनों, शिक्षकों को और ग्राम प्रधानों को भी ह्रदय से बधाई देता हूँ
    • परीक्षाओं में बड़ी तादाद में छात्रों का सम्मिलित होना इशारा करता है कि J&K के बच्चे विकास की ऊँचाइयों को पाने के लिये कृतसंकल्प है
    • कुछ दिन पहले जब Board की exam हुई, तो क़रीब 95% कश्मीर के छात्र-छात्राओं ने Board की परीक्षा में हिस्सा लिया|
    • आज मुझे ख़ुशी हो रही है कि कश्मीर घाटी से आए हुए इन सभी प्रधानों ने गाँव में जाकर के सब दूर लोगों को जागृत किया |
    • कश्मीर में जो स्कूलें जलाये गए थे, उसकी चर्चा भी हुई और जितना दुःख हम देशवासियों को होता है, इन प्रधानों को भी इतनी ही पीड़ा थी
    • कुछ समय पहले मुझे जम्मू-कश्मीर के प्रधान मिलने आये थे | इतने प्यार से, इतने खुलेपन से, गाँव के इन प्रधानों ने बातें की
    • मैं छात्रों को अभिनन्दन करता हूँ, उनके माता-पिता को उनके परिजनों, शिक्षकों को और ग्राम प्रधानों को भी ह्रदय से बधाई देता हूँ.
    • परीक्षाओं में बड़ी तादाद में छात्रों का सम्मिलित होना इशारा करता है कि J&K के बच्चे विकास की ऊँचाइयों को पाने के लिये कृतसंकल्प है.
    • कुछ दिन पहले जब Board की exam हुई, तो क़रीब 95% कश्मीर के छात्र-छात्राओं ने Board की परीक्षा में हिस्सा लिया.
    • आज मुझे ख़ुशी हो रही है कि कश्मीर घाटी से आए हुए इन सभी प्रधानों ने गाँव में जाकर के सब दूर लोगों को जागृत किया.
    • कश्मीर में जो स्कूलें जलाये गए थे, उसकी चर्चा भी हुई और जितना दुःख हम देशवासियों को होता है, इन प्रधानों को भी इतनी ही पीड़ा थी.
    • कुछ समय पहले मुझे जम्मू-कश्मीर के प्रधान मिलने आये थे | इतने प्यार से, इतने खुलेपन से, गाँव के इन प्रधानों ने बातें की.
    • मैंने ‘मन की बात’ के लिये लोगों के सुझाव मांगे, एकतरफ़ा ही सबके सुझाव आए, सब कहते थे कि Rs.500,1000 पर विस्तार से बातें करें.
    • जिस समय मैंने ये निर्णय किया था तब भी मैंने सबके सामने कहा था कि निर्णय सामान्य नहीं है कठिनाइयों से भरा हुआ है.
    • मुझे ये भी अंदाज़ था कि हमारे सामान्य जीवन में अनेक प्रकार की नयी–नयी कठिनाइयों का सामना करना पड़ेगा.
    • निर्णय इतना बड़ा है इसके प्रभाव से बाहर निकलने में 50 दिन तो लग जाएँगे,तब जाकर के नॉर्मल अवस्था की ओर हम बढ़ पाएँगे.
    • आपकी कठिनाइयों को मैं समझता हूँ, भ्रमित करने के प्रयास चल रहे हैं फिर भी देशहित की इस बात को आपने स्वीकार किया है.
    • कभी-कभी मन को विचलित करने वाली घटनायें सामने आते हुए भी, आपने सच्चाई के इस मार्ग को भली-भांति समझा है.
    • 500,1000 रुपये और इतना बड़ा देश इतनी करेंसियों की भरमार और ये निर्णय-पूरा विश्व बहुत बारीक़ी से देख रहा है.
    • पूरा विश्व देख रहा है कि सवा-सौ करोड़ देशवासी कठिनाइयाँ झेल करके भी सफलता प्राप्त करेंगे क्या!
    • विश्व के मन में प्रश्न-चिन्ह हो सकता है लेकिन भारत को विश्वास है कि देशवासी संकल्प पूर्ण करके ही रहेंगे.
    • हमारा देश सोने की तरह तप करके, निखर करके निकलेगा और उसका कारण इस देश का नागरिक है, उसका कारण आप हैं.
    • केंद्र, राज्य, स्थानीय स्वराज संस्थाओं की इकाइयाँ, बैंक कर्मचारी, पोस्ट ऑफिस-दिन-रात इस काम में जुटे हुए हैं.
    • तनाव के बीच, ये सभी लोग बहुत ही शांत-चित्त रूप से, इसे देश-सेवा का एक यज्ञ मान करके कार्यरत हैं.
    • सुबह शुरू करते हैं, रात कब पूरा होगा, पता तक नहीं रहता है और उसी का कारण है कि भारत इसमें सफल होगा.
    • कठिनाइयों के बीच बैंक,पोस्ट ऑफिस के लोग काम कर रहे हैं और जब मानवता के मुद्दे की बात आ जाए तो वो दो क़दम आगे हैं.हर वर्ष की तरह इस बार दिवाली पर मैं जवानों के साथ दिवाली मनाने के लिये, चीन की सीमा पर, सरहद पर गया था .
    • कुछ समय पहले मुझे जम्मू-कश्मीर के प्रधान मिलने आये थे | इतने प्यार से, इतने खुलेपन से, गाँव के इन प्रधानों ने बातें की

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