नई दिल्ली : प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शुक्रवार को अपने नेपाली समकक्ष पुष्प कमल दहल ‘प्रचंड’ के साथ प्रमुख विषयों पर विस्तृत वार्ता की। इन विषयों में हिमालयी देश की राजनीतिक प्रक्रियाओं और दोनों देशों के संबंध मजबूत करने के तरीकों समेत कई अहम मुद्दे शामिल थे।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि भारत नेपाल के साथ विकास साझेदारी को मजबूत करने के लिए तैयार खड़ा है। विश्वास है कि आज हुई हमारी चर्चा सदियों पुराने हमारे संबंधों को और मजबूत करेगी तथा हमारी साझेदारी का नया एवं गौरवशाली अध्याय लिखेगी। मैं और नेपाल के प्रधानमंत्री सभी विकास परियोजनाओं पर करीब से नजर रखने तथा समयबद्ध तरीके से उनके पूरा होने पर ध्यान केंद्रित करने पर भी सहमत हुए हैं।
बता दें कि चार दिवसीय भारत यात्रा पर आए प्रचंड गुरुवार को यहां पहुंचे थे। उनका राष्ट्रपति भवन के प्रांगण में रस्मी स्वागत किया गया। विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता विकास स्वरूप ने ट्वीट किया कि यहां हैदराबाद हाउस में प्रतिनिधिमंडल स्तर की वार्ताओं के दौरान दोनों पक्षों ने संबंधों के पूर्ण परिदृश्य की समीक्षा की।
विदेश मंत्री सुषमा स्वराज भी राष्ट्रपति भवन में प्रचंड से मिलीं। प्रचंड पिछले माह ही दूसरी बार नेपाल के प्रधानमंत्री चुने गए हैं। स्वरूप ने प्रधानमंत्री मोदी और प्रधानमंत्री प्रचंड की हाथ मिलाने वाली तस्वीर साझा करते हुए ट्वीट किया कि एक खास संबंध में नई उर्जा डालते हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने नेपाल के प्रधानमंत्री पुष्प कमल दहल प्रचंड का स्वागत किया। कल सरकार ने कहा कि नेपाल के संविधान निर्माण की प्रक्रिया एक ‘आंतरिक मुद्दा’ है, जिस पर नेपाली नागरिक फैसला करेंगे और भारत कभी भी ‘आदेश देने वाला’ नहीं रहा।
इस अवसर पर नेपाली मूल के लोगों को संबोधित करते हुए प्रचंड ने कहा कि उनके नेतृत्व वाली नई सरकार का प्रमुख ध्यान संविधान को लागू करने से पहले ‘सही माहौल’ बनाने पर और जरूरी संशोधन का मार्ग प्रशस्त करने पर केंद्रित है। उन्होंने कहा था कि जब तक हम थारू, मधेसी और जनजाति के लोगों को विश्वास में नहीं लेते और उनकी वैध मांगों पर गौर नहीं करते, तब तक नए संविधान को लागू करने का माहौल नहीं बनाया जा सकता।