नेता काट रहे हैं न्यायालय के चक्कर, जानिये क्यों—-!!

 

देहरादून। राजनेता अब न्यायालयों के चक्कर काटने लगे हैं। दर्जनों बार वारंट के बाद भी जो नेता न्यायालयों के आदेशों पर ध्यान नहीं देते थे अब वे स्वयं न्यायालय के चक्कर काट रहे हैं। इसका प्रत्यक्ष प्रमाण विधानसभा प्रेमचंद अग्रवाल द्वारा मुख्य न्यायिक दंडाधिकारी के कार्यालय में जमानत का आवेदन देना है जो उन्होंने वरिष्ठ अधिवक्ता आरएस राघव के माध्यम से लगाई है। यही स्थिति कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष किशोर उपाध्याय की भी है। उन्होंने भी थाने में अपनी गिरफ्रतारी का अग्रह किया है।
वर्ष 2000 में विधानसभा अध्यक्ष प्रेमचंद अग्रवाल समेत 28 लोगों को सड़क जाम जैसे मामलों पर नोटिस दिए गए थे, जिनमें 11 लोगों ने अपनी जमानत करा ली। 17 आरोपियों के विरुद्ध गैर जमानती वारंट जारी हो गया, जिसमें विधानसभा अध्यक्ष भी शामिल है।
घटनाक्रम के अनुसार 11 मई 2010 को वर्तमान विधानसभा अध्यक्ष प्रेमचंद अग्रवाल ने व्यापारियों के साथ मिलकर डोईवाला में प्रदर्शन किया था। तत्कालीन प्रभारी डोईवाला आईपीएस पी रेणुका देवी के खिलाफ हुए इस प्रदर्शन में सड़क जाम, सरकारी काम में बाधा जैसे कई मुकदमे दर्ज किए गए थे। इनका वाद मुख्य न्यायिक दंडाधिकारी के न्यायालय में चल रहा था जहां विधानसभा अध्यक्ष को आवेदन करना पड़ा।
दूसरी ओर कांग्रेस के पूर्व प्रदेश अध्यक्ष किशोर उपाध्याय भी डालनवाला थाने में गिरफ्रतारी देने पहुंचे। उनका आरोप है कि पुलिस उन्हें अकारण ही उन्हें परेशान कर रही है। जिस मामले में पुलिस बार-बार जा रही है, उसमें वह जमानत करा चुके हैं। किशोर उपाध्याय के साथ कांग्रेस के तमाम नेता भी शामिल थे।

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