नेताजी सुभाषचंद्र ने कई साल गुमनामी बाबा बन कर यंहा गुजारी जिंदगी

 नेताजी सुभाषचंद्र बोस की मौत प्लेन क्रैश हादसे में हुई थी. लेकिन उनकी मौत का रहस्य उनके चले जाने के बाद भी रहस्य बना हुआ है. सच्चाई क्या है सामने नहीं आ सकी. इस साल केंद्र सरकार की तरफ से फाइल सामने के बाद उनके मौत की सच्चाई सामने आ सकती है.
 नेताजी की मौत प्लेन क्रैश में हुई थी ऐसा केंद्र सरकार ने RTI के जवाब में बताया था, लेकिन कुछ लोग मानते हैं नेताजी यूपी के फैजाबाद में गुमनामी बाबा नाम से रह रहे थे. गुमनामी बाबा का निधन 1985 में हुआ… वंही नेताजी की मौत के संबंध में अब तक मिले साक्ष्‍यों के आधार पर नेताजी की मौत 18 अगस्त 1945 को ताइहोकू एयरपोर्ट पर उनके विमान के क्रेश होने से हुई थी. जबकि गुमनामी बाबा के पास जो सामान मिले वह एक साधु संत के पास नहीं मिल सकते। क्योकि गुमनामी बाबा के पास वह सारे सामान मिले हैं जो नेताजी को पसंद थे चाहे वह गोल फ्रेम का चश्मा हो या नेताजी के माता-पिता की तस्वीर.

ऐसे में आपको बताते हैं नेताजी के बारे में कुछ खास जानकारी-

1. सुभाषचंद्र बोस का जन्म 23 जनवरी 1897 को उ़डीसा के कटक शहर में हुआ था. बोस अपनी माता-पिता की 14 सन्तानों में से नौवीं सन्तान थे.

2. बोस ने महज 23 साल की उम्र में साल 1920 की आई.सी.एस. (IAS समकक्ष) परीक्षा में उन्होंने चौथा स्थान पाया मगर सुभाष का मन अंग्रेजों के अधीन काम करने का नहीं था. 22 अप्रैल 1921 को उन्होंने इस पद से त्यागपत्र दे दिया.

3. शहीद भगत सिंह की फांसी रुकवाने का नेताजी ने भरसक प्रयास किया. उन्‍होंने गांधी जी से कहा कि वह अंग्रेजों से किया अपना वादा तोड़ दें लेकिन वह भगत सिंह को बचाने में नाकाम रहे.

साल 1933 में देश निकाला

4. साल 1933 में उन्हें देश निकाला दे दिया गया. 1934 और 1936 में काँग्रेस के अधिवेशन में भाग लेने के लिए सुभाष चन्द्र बोस दो बार भारत आए, मगर दोनों ही बार ब्रिटिश सरकार ने उन्हें गिरफ्तार कर वापस देश से बाहर भेज दिया.

5. महात्मा गांधी को राष्ट्रपिता उपनाम देना का श्रेय बोस को ही जाता है. उन्होंने ही सबसे पहले गाँधीजी को राष्ट्रपिता कह कर सुभाष चंद्र बोस ने ही संबोधित किया था.

6. 1938 में बोस कांग्रेस के अध्यक्ष बने. लेकिन बाद में गांधी जी और उनके सहयोगियों के व्यवहार से दुःखी होकर बोस ने 29 अप्रैल, 1939 को कांग्रेस अध्यक्ष पद से त्यागपत्र दे दिया.

7. नेताजी को कुल 11 बार जेल की सजा काटनी पड़ी. आखिरी बार 1941 को उन्‍हें कलकत्ता कोर्ट में पेश होना था लेकिन नेताजी घर से भागकर जर्मनी चले गए और हिटलर से मुलाकात की.

हिटलर से मुलाकात

8. सुभाषचंद्र बोस जी को नेताजी कहने वाला पहला शख्स एडोल्फ हिटलर ही था. नेताजी ने दुनिया की पहली महिला फौज का गठन किया था।

9. सुभाषचंद्र बोस 1934 में अपना इलाज करवाने आस्‍ट्रि‍या गए थे जहां उनकी मुलाकात एक एमिली शेंकल नाम की टाइपिस्‍ट महिला से हुई. नेताजी इस महिला से अपनी किताब टाइप करवाने के लिए मिले थे. इसके बाद नेताजी ने 1942 में इस महिला से शादी कर ली.

10. नेताजी सुभाष चंद्र बोस को 1992 में मरणोपरांत भारत रत्न से सम्मानित किया गया लेकिन ये बाद में वापिस ले लिया.

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