निकाय चुनाव की उलझन सुलझाने में जुटी उत्तराखंड सरकार

देहरादून। चुनाव आयुक्त की तेजी को देखते हुए अब राज्य सरकार ने भी बीच का रास्ता निकालने का मन बना लिया है। वैसे सरकार चुनाव आयुक्त की कार्रवाई के बाद चुनाव की घोषणा कराना चाहती है, इसका प्रमाण शहरी विकास मंत्री मदन कौशिक के बयानों से मिला। जिनका कहना है कि स्थानीय चुनाव समय पर ही होंगे। राज्य में नगर निकायों का कार्यकाल आगामी 4 मई को समाप्त हो रहा है। इससे पहले तीन मई तक चुनाव जरूरी है। प्रदेश में 92 में से तीन निकायों में चुनाव नहीं होंगे जिनका मामला न्याालय में स्थगित है, जबकि 86 निकाय चुनाव की दहलीज पर है। प्रदेश सरकार ने 24 निकायों के सीमा विस्तार को लेकर नए सिरे से न्यायालय के निर्देश पर आपत्तियों का निस्तारण करा दिया है। अब सीमा विस्तार व गठन से संबंधित अनंतिम व अंतिम अधिसूचना जारी होना तय है। इसी के साथ- साथ आरक्षण भी तय कर दिया जाएगा। लेकिन राज्य निर्वाचन आयोग के कोर्ट जाने से सरकार की उलझन भी बढ़ गई है। जिसकी समीक्षा सरकार द्वारा की गई।
शहरी विकास मंत्री मानते हैं कि निकाय चुनाव का संभावित योजना पहले ही आयोग को भेजी जा चुकी है। सरकार समय से ही चुनाव कराएगी। साथ ही अदालत में पक्ष भी रखा जाएगा। सरकार की तेजी का अर्थ शीघ्र ही चुनाव कराने से लिया जा सकता है। 25 से 30 अप्रैल के मध्य इन चुनावों की संभावना है।

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