नाइक पत्र, डॉ आतंक’ का तमगा पाने के लिए क्या किया है :जाकिर नाइक

मुंबई : युवकों को कट्टरपंथी बनाने के आरोप का सामना कर रहे विवादास्पद इस्लामी उपदेशक जाकिर नाइक ने शनिवार को सरकार से पूछा कि ‘डॉ आतंक’ का तमगा पाने के लिए उन्होंने क्या किया है और अपने खिलाफ लगे आरोपों को लेकर ‘तार्किक जवाब’ मांगा।

नाइक ने यहां जारी चार पन्नों के एक खुले पत्र में सरकार से पांच सवाल पूछे हैं। नाइक ने पूछा है कि ‘आतंकी उपदेशक’, डॉ आतंक’ का तमगा के लिए उन्होंने क्या किया।

नाइक (50) ने पूछा, ‘अब क्यों? मैं पिछले 25 साल न सिर्फ भारत में बल्कि पूरी दुनिया भर में उपदेश देता आया हूं। ‘आतंकी उपदेशक’, ‘डॉ आतंक’ का तमगा पाने के लिए अब मैंने क्या किया। 150 देशों में मुझे सम्मान प्राप्त है, पर अपने ही देश में मुझे प्रभावशाली आतंकी कहा गया। क्या दुर्भाग्य है?’
नाइक ने जानना चाहा, ‘गहन जांच के बावजूद किसी भी सरकारी एजेंसी ने किसी गलत काम के बारे में कोई निर्णायक साक्ष्य नहीं दर्ज किया। लेकिन अब जांचकर्ताओं से यह फिर से करने और जांच जारी रखने को कहा जा रहा है। क्यों?’ अपने एनजीओ के खिलाफ सरकार की कार्रवाई पर उन्होंने पूछा कि सरकार ने आईआरएफ के एफसीआरए पंजीकरण का नवीकरण क्यों किया और फिर इसे रद्द क्यों किया। और इस तरह यह अतार्किक लगता है।

पत्र में कहा गया है, ‘क्या सरकार, सॉलीसीटर जनरल और गृहमंत्रालय की गोपनीय सूचना लीक करने का मंसूबा था? क्या चुनिंदा सरकारी दस्तावेज मीडिया को लीक करने का मंसूबा था?’ चिकित्सक से धार्मिक उपदेशक बने नाइक ने कहा कि पिछले कुछ महीनों में पूरे विवाद से वह स्तब्ध हैं और इसे लोकतंत्र की हत्या और मूल अधिकारों का दम घोंटा जाना बताया।

नाइक ने पत्र में लिखा है, ‘यह सिर्फ मुझपर हमला नहीं है बल्कि यह भारतीय मुसलमानों पर हमला है। और यह शांति, लोकतंत्र और न्याय पर हमला है।’ जबरन धर्मांतरण के आरोपों पर नाइक ने कहा, ‘धर्मांतरित लोग कहां हैं और उनके बयान कहां हैं?’ वह दो महीने से अधिक समय से देश से बाहर हैं।

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मुंबई आधारित इस्लामिक रिसर्च फाउंडेशन (आईआरएफ) द्वारा चलाए जा रहे पीस टीवी के संस्थापक नाइक उस वक्त से सुरक्षा एजेंसियों की निगरानी के दायरे में आ गए जब एक बांग्लादेशी अखबार ने लिखा कि ढाका में एक जुलाई को हुए आतंकी हमले का एक हमलावर उनके उपदेशों से प्रेरित था। नाइक ने कहा कि यदि उनके एनजीओ को प्रतिबंधित किया जाता है तो यह भारत के लोकतंत्र के लिए सबसे बड़ा झटका होगा।

उन्होंने कहा कि वह जांच के लिए और दोषी पाए जाने पर सबसे अधिक कठोर सजा के लिए तैयार हैं। ‘मेरा अब भी न्यायपालिका में यकीन है और मैं जानता हूं कि सच्चाई आखिरकार कायम रहेगी। मेरी सरकार से अपील है, अपनी जांच में निष्पक्ष बनें।’

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