नहीं क्वालिफाई कर पाई नीट की परीक्षा, तो अनीता ने दे दी जान !!

 

 

नीट के थ्रू मेडिकल में दाखिले के खिलाफ जंग छेड़ने वाली तमिलनाडु की छात्रा अनीता ने शुक्रवार को आत्महत्या कर ली. अनीता ने मेडिकल में दाखिला नहीं मिलने से निराश होकर यह कदम उठाया. अनीता इस कदम से तमिल नाडु में हड़कंप मचा हुआ है और सरकार कटघरे में आ गयी है .

दिहाड़ी मजदूर हैं पिता  

17 साल की अनीता अरियालुर जिले के कुझुमुर गांव की रहने वाली थी. अनुसूचित जाति से ताल्लुक रखने वाली छात्रा के पिता दिहाड़ी मजदूर हैं. अनीता ने तमिलनाडु बोर्ड की 12वीं की परीक्षा में 1,200 में से 1,176 अंक प्राप्त किए थे, मगर राष्ट्रीय पात्रता एवं प्रवेश परीक्षा (नीट) में वह क्वालिफाई नहीं कर पाई. जिसकी वजह से उसने SC में जंग लड़ी मगर हरने के बाद उसने अपने घर में खुदकुशी की.

नीट में थे महज 86 अंक

इस होनहार छात्रा के नीट की परीक्षा में 700 में से मात्र 86 अंक ही थे. जिसके बाद उसने पिछले महीने केवल नीट के अंकों के आधार पर स्नातक चिकित्सा पाठ्यक्रमों में प्रवेश की मांग करने वाली एक याचिका के विरोध में सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाया था.

नीट नहीं कर रहा छात्रों से न्याय
अनीता ने अपनी याचिका में कहा था कि नीट के प्रश्नपत्र काफी कठिन और पूरी तरह सीबीएसई के पाठ्यक्रम पर आधारित थे. उसने कहा था कि नीट परीक्षा का प्रारूप राज्य के पाठ्यक्रम को पढ़ने वाले छात्रों के साथ न्याय नहीं कर रहा है.

SC ने दिया था राज्य सरकार को आदेश
गौरतलब है कि गत 22 अगस्त को सुप्रीम कोर्ट ने तमिलनाडु सरकार को नीट के आधार पर मेडिकल में दाखिला शुरू करने का आदेश दिया था. यह फैसला तमिलनाडु के अध्यादेश को केंद्र से मंजूरी नहीं मिलने के बाद आया था. इसमें राज्य के छात्रों को नीट से एक साल की छूट देने की मांग की गई थी.

पूर्व केंद्रीय मंत्री ने केंद्र और राज्य सरकार को ठहराया जिम्मेदार

वही इस मामले में राजनीतिक प्रतिक्रियाएं भी शुरू हो चुकीं हैं. पूर्व केंद्रीय मंत्री और PMK नेता अंबुमणि रामदास ने अनीता की मौत के लिए केंद्र और राज्य सरकार को जिम्मेदार ठहराया है. उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार और राज्य के मुख्यमंत्री पलानीसामी को इसकी जिम्मेदारी लेनी चाहिए. उन्होंने छात्रों को आश्वासन दिया था कि तमिलनाडु को नीट से एक साल के लिए छूट मिलेगी.

 

जहा तमिल सुपर स्टार रजनीकांत ने अनीता की मौत पर शोक जताया. वहीं कमल हसन आज अनीता के परिवार से मिलने के लिए उनके गांव कुझुमुर जा सकते हैं.

इस सभी हालत के बाद तमिलनाडु में नीट के खिलाफ विरोध प्रदर्शन की आग एक बार फिर भड़क उठी है. नीट को हटाने की मांग को लेकर त्रिची के 14 छात्रों ने अनिश्चितकालीन भूख हड़ताल का ऐलान किया है.

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