चमोली/देवाल – देवाल में पशुपालन विभाग में तैनात डॉक्टर सावंन पवार शराब के नशे में दिखाई दे रहे हैं। वही देवाल के कुछ स्थानीय ग्रामीणों के द्वारा डॉक्टर सावन को नशे में धुत देखकर पशुपालन विभाग तक हाथ पकड़कर ले जा रहे हैं। डॉक्टर सावन का ये वीडियो सोशल मीडिया पर खूब वायरल हो रहा है।
अब सवाल खड़े हो रहे हैं कि लगातार डॉक्टर सावन पहले दो-तीन सालों से पशुपालन विभाग से नदारद रहे लेकिन आज तक विभाग उन पर कोई कार्रवाई नहीं कर पाया।
मुख्य पशु चिकित्साधिकारी चमोली ने टेलीफोन पर जानकारी देते हुए कहा कि उनका अटैचमेंट इससे पहले हरिद्वार किया गया था लेकिन अब उनका अटैचमेंट समाप्त होने के बाद उनको जून महीने में ही देवाल पशुपालन विभाग में भेज दिया गया था लेकिन वह लगातार शराब के आदी हो चुके हैं।
वहीं स्थानीय लोगों ने इसकी जानकारी जब उनको बताई तो उन्होंने कहा कि इनके द्वारा पहले ही बीआरएस के लिए विभाग को पत्राचार किया गया है। विभाग ने इनका बीआरएस इस कारण स्वीकृत नहीं किया क्योंकि इनकी आयु सीमा अभी 45 वर्ष नहीं हो पाई है। नौकरी सेवाकाल की उम्र भी अभी 17 वर्ष ही हो रही है, जिसके चलते इनका बीआरएस स्वीकृत नहीं किया गया है। लेकिन अब पशुपालन विभाग के उच्च अधिकारियों पर ही सवाल उठ है कि क्या ऐसे डॉक्टर पहाड़ों में पशुओं का क्या इलाज कर पाते होंगे जो अपने पैरों पर ठीक से चल नहीं पा रहे हैं। जिनको स्थानीय लोग पकड़ कर हॉस्पिटल पहुंचा रहे हैं। अब देखने वाली बात यह होगी पशुपालन के डॉक्टर सावन कुमार पर विभाग कार्यवाही होती है या ऐसे ही शराब पीकर इधर-उधर डोलते रहेंगे।