देहरादून – उत्तराखंड का विधानसभा सत्र भले ही 2 दिन चला हो। लेकिन दो महत्वपूर्ण विधेयक पास हुए हैं। जिसमें महिलाओं को 30 फीसद क्षैतिज आरक्षण व जबरन धर्मांतरण कानून।

जबरन धर्मांतरण कराने वालों को और सख्त सजा दी जाएगी। इसके लिए 2018 के कानून को और सख्त कर दिया गया है। नए कानून के तहत जबरन धर्मांतरण कराने वाले दोषी को 10 साल की जेल और 50,000 रुपए के जुर्माने की सजा होगी। साथ ही पीड़ित को भी मुआवजा देना होगा। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी के इस महत्वपूर्ण कानून की चारों तरफ सराहना हो रही है।
उत्तराखंड विधानसभा सत्र के दूसरे दिन प्रदेश सरकार ने धर्मांतरण कानून को सदन में सर्वसम्मति से पास कर लिया। इस कानून को लेकर मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी की चारों तरफ सराहना हो रही है। उधर ट्विटर पर भी धर्म का रक्षक धामी ट्रेंड करने लगा।

वही सोशल मीडिया पर भी मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी का एक वीडियो खूब वायरल हो रहा है जिसमें मुख्यमंत्री को धर्म का रक्षक बताया जा रहा है।
मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी सरकार ने जबरन धर्मांतरण को रोकने के लिए कानून को और सख्त कर दिया है अब ऐसा करने वालों को जमानत भी नहीं मिल सकेगी साथ ही दोषी पाए जाने पर 10 साल की कैद और जुर्माने की सजा भी दी जाएगी। इस कानून पर मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह ने कहा है कि उत्तराखंड देव भूमि है और यहां जबरन धर्मांतरण जैसी चीजें हमारे लिए खतरनाक हो सकती हैं इसलिए सरकार ने धर्मांतरण विरोधी कानून को सख्त बनाने का फैसला लिया है।
धर्मांतरण पर सख्त कानून बनाने की सीएम पुष्कर सिंह धामी की पहल को संत समाज का व्यापक समर्थन मिला है।
जूना पीठाधीश्वर अवधेशानंद गिरी महाराज व स्वामी चिदानंद महाराज ने कहा है कि इस कानून से पूरे देश का संत समाज आनंदित है धर्मांतरण रोकने के लिए सीएम धामी एक कठोर कानून लेकर आए हैं।
वासुदेवानंद महाराज ने कहा कि सीएम ने जबरन धर्मांतरण पर प्रतिबंध लगा दिया है यह देश एवं समाज के लिए बेहद हितकारी है।




