ब्रेकिंग: भष्टाचार की सीमा लांघ चुके नगर निगम में एक नया कमीशनबाजी का मामला सामने आ गया है।शहर की सफाई के लिए खरीदे गए टाटा कंपनी के बड़े वाहन जो कि केवल फेब्रिकेशन के नाम पर पिछले 8 महीने से गोदाम में धूल फांक रहे है और अब हालात ये है कि रख-रखाव के आभाव में इन पर जंक भी लगना शुरू हो गया है।हैरत वाली बात ये है कि जब इन वाहनों को चलाने के लिए ड्राईवर ही नही थे तो आखिरकार इनकी खरीद फरोख्त क्यों की गयी।

बता दे कि शहर की कूड़े की समस्या से निबटने के लिए नगर निगम ने टाटा कंपनी के 8 बड़े वाहनों की खरीद की थी,जिसमे एक वाहन की कीमत लगभग 10 लाख रुपए है और ये वाहन फेब्रिकेशन के इंतजार में पिछले 8 महीने से निगम के गोदाम में धूल फांक रहे है इतना ही नही रख-रखाव के आभाव में अब इन वाहनों में जंक तक लगना शुरू हो गया है।साथ ही सभी वाहन सिंगल टायर है जोकि कूड़ा उठाने में बिलकुल सक्षम नहीं है। इसके अलावा सबसे बड़ी बात ये है कि इन वाहनों को चलाने के लिए निगम के पास जब ड्राइवर ही नहीं है तो आखिरकार इन वाहनों को क्यों खरीदा गया।इसमें ये साफ़ हो गया है कि इन वाहनों की खरीद में जमकर कमीशनबाजी हुई है। वही मेयर विनोद चमोली सफाई दे रहे है कि अभी तक इन वाहनों के फेब्रिकेशन का टेंडर नहीं हो पाया था लेकिन अब टेंडर प्रक्रिया पूरी हो चुकी है और अब ये वाहन जल्द ही सड़कों पर दिखाई देंगे।

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