नई दिल्ली : देश के भीतर रखे कालेधन को कर दायरे में लाने के लिये शुरू की गई आय घोषणा योजना (आईडीएस) के तहत कुल 65,250 करोड़ रुपये की संपत्ति की घोषणा की गई। वित्त मंत्री अरुण जेटली ने शनिवार को यह जानकारी दी। योजना चार माह के लिये खुली थी जो कि 30 सितंबर को समाप्त हो गई। माना जा रहा है कि कालाधन रखने वालों को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की सख्त हिदायत के बाद कालाधन धारकों ने आय की घोषणा करने में ही अपनी भलाई समझी।
भाषा के मुताबिक, जेटली ने बताया कि योजना के तहत कुल 64,275 घोषणायें की गई। उन्होंने कहा जैसे-जैसे ऑनलाइन और दस्तावेज के तौर पर जमा की गई जानकारी को संकलित किया जायेगा कुल राशि का आंकड़ा और भी बढ़ सकता है। इन घोषणाओं में कुल 65,250 करोड़ रुपये की संपत्ति की जानकारी दी गई है। इसमें कर और जुर्माने के तौर पर सरकार को 45 प्रतिशत राशि मिलेगी। सरकार ने इस योजना के जरिये अवैध आय और संपत्ति रखने वालों को इसकी घोषणा करने के बाद कर और जुर्माना चुकाकर पाक साफ होने का मौका दिया है।
जेटली ने इस बात को दोहराया कि यह एकबारगी घोषणा योजना 1997 की योजना की तरह आम माफी योजना नहीं है। उन्होंने कहा कि 1997 में घोषित स्वैच्छिक आय घोषणा योजना (वीडीआईएस) में केवल 9,760 करोड़ रुपये का कर मिला। इसमें औसतन प्रति व्यक्ति सात लाख रुपये की घोषणा की गई थी। वित्त मंत्री ने कहा कि आईडीएस 2016 के तहत मिलने वाले कर को भारत की संचित निधि में रखा जायेगा और इसका इस्तेमाल जन कल्याण की योजनाओं में किया जायेगा।