जलालाबाद: नोटबंदी ने अब तक बहुत लोगों को मौत की नींद में सुला दिया है। ताजा मामला पंजाब के जलालाबाद का है जहां एक और आदमी घंटों लादन में खड़ा रहा,और अचानक तीयत बिगड़ने से उसकी मौत हो गई।
जलालाबाद के घुभाया गांव के रहनेवाले जोगिंदर सिंह अपने खाते से पैसा निकालने के लिए सुबह सात बजे ही स्टेट बैंक ऑफ पटियाला के बाहर लाइन में लगे थे. दोपहर तक इनकी बारी नहीं आई. ढाई बजे के करीब जोगिंदर को घबराहट हुई. इससे पहले कि लाइन में लगे दूसरे लोग कुछ समझ पाते, जोगिंदर जमीन पर गिर पड़े और इनकी जान चली गई.
जोगिंदर के परिवार वालों का आरोप है कि नोटबंदी की वजह से उमड़ रही भीड़ के बावजूद बैंक में लोगों के लिए ना पानी का इंतजाम था ना पंखे का. यहां तक कि बैंक वालों ने जोगिंदर को बचाने लिए एंबुलेंस बुलाना भी मुनासिब नहीं समझा.
विपक्षी दलों का दावा है कि आठ नवंबर को नोटबंदी के बाद से अब तक देश में 60 से भी ज्यादा लोगों की जान जान चुकी है. ज्यादातर लोग बदइंतजामी के शिकार हुए हैं. सवाल ये है क्या ऐसी मौतों के लिए किसी की जिम्मेदारी तय होगी या इन्हें बस अनहोनी मान लिया जाएगा.