सदन में पेश त्रिपाठी आयोग की रिपोर्ट में तत्कालीन कृषि मंत्री और सचिव को क्लीन चिट दी गई है। सरकार का आरोप है कि पूर्व सरकार ने जांच रिपोर्ट एक्शन टेकन रिपोर्ट (एटीआर) चार बार कैबिनेट में आने के बावजूद इसे सदन में नहीं रखा। रिपोर्ट में कहीं भी तत्कालीन कृषि मंत्री और मौजूदा मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत को आरोपी नहीं बनाया गया है। तत्कालीन सचिव कृषि भी इस मामले से बाहर आते नजर आ रहे हैं।
त्रिपाठी आयोग की रिपोर्ट पर सरकार की एक्शन टेकन रिपोर्ट और लोकायुक्त विधेयक व उत्तराखंड लोकसेवकों के वार्षिक स्थानांतरण विधेयकों को प्रवर समितियों की संस्तुतियों के साथ को गुरुवार देर रात्रि सदन के पटल पर रखा गया। इसके बाद सदन की कार्यवाही देर रात्रि जारी रखने और कार्यसूची में शामिल किए बगैर त्रिपाठी आयोग की रिपोर्ट और उक्त विधेयक पटल पर रखने के विरोध में कांग्रेस विधायक वेल में धरने पर बैठे।