नई दिल्ली। श्री श्री रविशंकर के आर्ट ऑफ लीविंग के सांस्कृतिक समारोह ने यमुना नदी के बाढ़ वाले क्षेत्र को पूरी तरह बर्बाद कर दिया है। इस बात की जानकारी एक विशेषज्ञ समिति ने राष्ट्रीय हरित अधिकरण (एनजीटी) को दी।गौरतलब है कि कुछ माह पूर्व आर्ट ऑफ लीविंग ने तीन दिवसीय कार्यक्रम का आयोजन जोर शोर से किया था।
एनजीटी द्वारा स्थापित विशेषज्ञ समिति ने इसके प्रमुख न्यायमूर्ति स्वतंत्र कुमार की अध्यक्षता वाली पीठ से कहा कि समिति ने पाया है कि डीएनडी फ्लाईओवर और बारापूला नाले के बीच मुख्य कार्यक्रम स्थल के लिए प्रयुक्त बाढ़ वाले पूरे क्षेत्र को केवल नुकसान नहीं पहुंचा बल्कि यह पूरी तरह से बर्बाद हो गया। जमीन अब पूरी तरह से समतल और मजबूत है तथा यह पूरी तरह से जलाशय या गड्ढा रहित और लगभग पूरी तरह वनस्पतिरहित है।
समिति ने कहा कि जिस जगह बड़ा मंच लगाया गया वह बहुत ठोस है और संभावना है कि जमीन को समतल एवं ठोस करने के लिए अलग तरह की बाहरी सामग्री का प्रयोग किया गया। डीएनडी फ्लाईओवर से आने रास्तों तथा बारापूला नाले से लेकर दो पुल बनाने के लिए बड़ी मात्रा में मिट्टी और मलबा लाया गया। अधिकरण ने जल संसाधन मंत्रालय के सचिव शशि शेखर के नेतृत्व में सातसदस्यीय विशेषज्ञ समिति को इस साल मार्च में हुए विश्व संस्कृति महोत्सव के स्थल का निरीक्षण करने का निर्देश दिया था।
समिति ने 47 पेज की अपनी रिपोर्ट में कहा कि इस तीनदिवसीय कार्यक्रम के कारण बाढ़ वाले क्षेत्र ने लगभग सभी प्राकृतिक वनस्पति खो दी।