
कानाफूसी: उत्तराखंड में विधानसभा चुनाव के लिए पार्टियां उम्मीदवारों को मनाने रिझाने में लगी है। वहीं वोटरों और समर्थकों को रिझाने का खेल भी जारी है। बड़ी बड़ी पार्टियों का जुलूस हो या निर्दलीय उम्मीदवार की रैली में समर्थकों की भीड़ का तांता लगना चौकाने से कम नही। इस भीड़ को देखकर अंदाजा लगा सकते है या तो प्रदेश की आबादी में बढ़ोत्तरी हुई है या फिर जुलूस में उमड़ने वाला हुजूम “भाड़े” का है।
आधिकारिक आकड़ों के अनुसार इस महिने की शुरूआत में चुनावों के कार्यक्रम की घोषणा के बाद से कल तक उत्तराखंड में 47.06 लाख रूपए जब्त किए गए। वहीं , शराब तस्करी की बात करें तो आबकारी विभाग और पुलिस चैकिंग के दौरान पूरे प्रदेश से लाखों रूपये की शराब भी पकड़ी गई है। खबर है कि ये सारी शराब चुनाव में प्रलोभन के तौर पर परोसने के लिए ले जायी जा रही थी। जानकारों की माने तो पार्टियों के उम्मीदवारों की एकदम से लोकप्रियता बढ़ने के एक कारण ये भी हो सकता है कि जुलूस में जो भीड़ एकत्र हो रही है वो भाड़े की हो और उन्हें शराब और नकदी का लालच देकर बुलाया गया हो।
उत्तराखंड के अलावा अन्य राज्यों से भी भारी मात्रा में शराब और नकदी पकड़ी गई है जो चुनाव के लिए प्रयोग होने वाली थी। इन सबमें यूपी में सबसे ज्यादा नकदी और शराब जब्त की गई है।



