नई दिल्ली : केंद्रीय मंत्री अरूण जेटली ने कहा है कि यदि पाकिस्तान भारत को चोट पहुंचाता है तो उसे इसकी अपेक्षाकृत बहुत भारी कीमत चुकानी होगी। उन्होंने कहा कि सीमा पार तनाव से निपटने को लेकर भारत के रुख में बदलाव आया है क्योंकि वह पाकिस्तान के आतंकवाद के निर्यात के कारण चुप रहकर बहुत सह चुका है।
उन्होंने वर्ष 2003 से संघर्ष विराम का लगातार उल्लंघन करने को लेकर भी पाकिस्तान पर निशाना साधते हुए कहा कि पहले कभी कभी होने वाले उल्लंघन अब नियमित बन गए हैं। भारत ने 29 सितंबर को पाकिस्तान के कब्जे वाले कश्मीर में आतंकवादियों के ठिकानों पर सर्जिकल हमले किए थे। इसके बाद सीमा पार बढ़े सैन्य तनाव के बीच पाकिस्तान की ओर से भारी गोलेबारी में आठ असैन्य नागरिकों की मौत हो गई थी। जेटली ने कहा, ‘नई आम बात यह है कि भारत इस बात को स्वीकार नहीं करता कि पाकिस्तान आतंकवादियों को भेजना और भारत को चोट पहुंचाना जारी रख सकता है। यदि वे ऐसा करते हैं तो इसकी अपेक्षाकृत बहुत भारी कीमत चुकानी होगी।’
जेटली से हालिया तनाव के बाद भारत और पाकिस्तान के संबंधों के बारे में पूछा गया था। उन्होंने कहा, ‘पाकिस्तान 2003 के संघर्ष विराम का उल्लंघन कर रहा है। आखिरकार आतंकवाद क्या है – आप लोगों को प्रशिक्षण देते हैं, उनकी घुसपैठ कराते हैं। कभी कभी होने वाले उल्लंघन आज आम हो गए हैं।’ जेटली ने कहा, ‘हम चुप रहकर बहुत सह चुके हैं और हम केवल कुछ कूटनीतिक कदम उठाते रहे हैं। मुझे लगता है कि अब समय बदल गया है और भारत सरकार का अधिक सक्रिय रख है।’ उन्होंने कहा, ‘और सक्रिय रख यह है कि यदि आप भारत में आतंकवादी गतिविधियों को अंजाम देते हैं और सीमा पार लोगों की हत्या करते हैं, तो आपको इसकी कीमत चुकानी होगी। मुझे लगता है कि भारत सरकार की यह नीति अत्यंत स्पष्ट है।’ जेटली ने कहा कि पाकिस्तान में आंतरिक अशांति ने उसकी स्थिति को अधिक खतरनाक बना दिया है।
उन्होंने कहा, ‘हमने उरी एवं पठानकोट में कीमत चुकाई लेकिन यह कीमत एक तरफा चुकाई गई। पाकिस्तान को आज जो कीमत चुकानी होगी वह अपेक्षाकृत बहुत अधिक होगी और जहां तक पाकिस्तान की अपनी सरकार, उसके लोकतंत्र एवं सैन्य-असैन्य संबंधों की बात है तो वह बहुत खतरनाक स्थिति में है।’ जेटली ने कहा, ‘इसलिए पाकिस्तान जो कीमत चुकाएगा, वह बहुत भारी होगी।’