रामनगर: उत्तराखण्ड के रामनगर में पिछले लगभग 45 दिन से आतंक का पर्याय बनी आदमखोर बाघिन का आज अंत हो गया. ये आदमखोर बाघिन अब तक कई लोगों की जान ले चुकी थी और कई को अपने हमलों से घायल भी कर चुकी थी.
इस आदमखोर बाघिन को आज तड़के वनविभाग और स्थानीय लोगों के सहयोग से मार गिराया गया. दिल्ली से 250 किलोमीटर दूर रामनगर में बाघिन को घेर लिया गया है और वनविभान के अधिकारियों और आम शिकारियों ने 11 राउंड गोलियां चलाई और उसके बाद बाघिन को मार गिराया.
लोगों का कहना है कि इस बाघिन के खौफ की वजह से उनके बच्चे स्कूल भी नहीं जा पा रहे थे. लोगों की जान को खतरा बन चुकी इस बाघिन को वन विभाग ने आदमखोर घोषित कर दिया था. वनविभाग के अधिकारियों ने इसे पकड़ने के लिए हेलीकॉप्टर, ड्रोन कैमरे, दर्जनों कैमरा ट्रैप, तीन हाथी, शिकारी कुत्ते और सैकड़ों लोगों को लगाया था. इसपर वन विभाग को करीब 70 लाख रूपये खर्च करने पड़े.
इस आदमखोर बाघिन को शूटर शिकारियों की भवानीपुर टोली ने मार गिराया. जिसके बाद लोगों में जश्न का माहौल देखने को मिला. मरी हुई बाघिन के शव को लेकर लोग जश्न में डूबे हुए दिखाई दिए. आदमखोर बाघिन के अंत से रामनगर के लोग राहत महसूस कर रहे हैं.
करीब तीन साल की बाघिन पर 6 सितम्बर के बाद से दो लोगों को मारने और 5 लोगों को घायल करने का आरोप है.