देहरादून: डेंगू का मच्छर सूबे की पूरी व्यवस्था पर भारी पड़ गया है। प्रदेश में डेंगू के मरीजों की संख्या का आंकड़ा एक हजार के पार हो गया है। लाख कोशिशों के बाद भी डेंगू के मच्छर का खात्मा सरकार और नगर निगम दोनों मिलकर भी नहीं कर पा रहे हैं। मैदान से लेकर पहाड़ तक डेंगू मच्छर के आगे प्रशासन बेबस नजर आ रहा है। अकेले देहरादून की ही बात करें तो प्रशासन के पास न तो मच्छरों से निपटने की कोई व्यवस्था है और न ही साफ़-सफाई की। हर इलाके में बुरे हाल, टूटी-फूटी सडकें, बारिश के कारण भरा पानी मच्छरों की पैदावार के लिए वरदान साबित हो रहा है लेकिन इन समस्याओं के निपटारे की न तो प्रशासन के पास कोई योजना है और न ही कोई रुझान। हजार का आंकड़ा सिर्फ सरकारी है। अगर प्राइवेट अस्पतालों में भर्ती डेंगू के मरीजों का भी सही आंकड़ा लिया जाए तो प्रदेश में डेंगू के डंक से पीडि़तों की संख्या कई हजार पार पहुंच चुकी है। जिनमें अकेले राजधानी देहरादून में 884, नैनीताल में 55, हरिद्वार में 59, पौड़ी में 04 मरीजों अब तक एलाइजा पॉजिटिव पाया गया है। वहीं 26 केस पड़ोसी राज्य यूपी से उत्तराखंड में सामने आए हैं। इधर प्रदेश में डेंगू के मामले लगातार बढ़ते ही जा रहे हैं, उधर राज्य सरकार यह कहकर पल्ला झाड़ने में लगी है कि डेंगू का असर सिर्फ उत्तरांखड में नहीं है। साथ ही दावा किया जा रहा है कि राज्य सरकार लगातार डेंगू से निपटने को गंभीर है, लेकिन जिस तरह से प्रदेश में डेंगू के मरीजों की संख्या हजार का आंकड़ा पार कर चुका है। उससे जमीनी हकीकत सामने आ गई है। अकेले राजधानी देहरादून में 884 मरीज अब तक डेंगू की चपेट में आ गए हैं। हालात यह हैं कि हल्का से बुखार आते ही लोग हॉस्पिटल का रुख कर रहे हैं। दून अस्पताल में एक दिन में हजारों की संख्या में मरीज ओपीडी में इलाज करवाने आ रहे हैं। वहीं डेंगू के मरीजों की बढ़ती संख्या को देखते हुए प्लेटलेट्स की मांग भी बढ़ गई है। जिसको लेकर लोगों को काफी परेशानी उठानी पड़ रही है। राजधानी में डेंगू के बढ़ते मरीजों की संख्या को देखते हुए नगर निगम ने शहर में फॉगिंग करवाने का काम 7 दिन और बढ़ा दिया है। पहले निगम ने 10 दिन में फॉगिंग का काम पूरा करने का टारगेट रखा था। लेकिन मेयर विनोद चमोली की मानें तो अभी तक पूरे शहर के लगभग 50 फीसदी फॉगिंग हो चुकी है। अगले 7 दिनों में फॉगिंग का पूरा काम निपटा लिया जाएगा। जिसके लिए हर वार्ड में एक एक फॉगिंग मशीन उपलब्ध करवा दी गई है।डेंगू को लेकर प्रदेश में जमकर राजनीति हो रही है। भाजपा जहां प्रदेश सरकार को इस हाल के लिए जिम्मेदार मानती है। तो कांग्रेस के निशाने पर नगर निगम और मेयर हैं। जहां भाजपा का कब्जा है। दून नगर निगम के मेयर विनोद चमोली राज्य सरकार पर इतने संवेदनशील मामले में लापरवाई करने का आरोप लगाया है। उन्होंने कहा कि नगर निगम का दायरा एक निश्चित जगह तक है। जबकि राज्य सरकार को जो अब तक कड़े कदम उठाने चाहिए थे वो नहीं लिए गए है। इधर सीएम के मीडिया प्रभारी सुरेन्द्र अग्रवाल ने इस समय राजनीति न करने की सलाह दी। उन्होंने कहा कि नगर निगम अपनी जिम्मेदारी से भाग रही है। फोगिंग, सड़कों के गड्ढे भरने आदि कामों में प्रशासन की कोई रूचि नहीं नहीं है जिसका परिणाम राज्य में महामारी के रूप में दिख रहा है।