देहरादून – उत्तराखंड के स्वस्थ्य विभाग ने डेंगू से बचाव और नियंत्रण के लिए स्वास्थ्य सचिव राधिका झा ने सभी जिलाधिकारियों सहित सम्बंधित विभागों के साथ बैठक कर उचित निर्देश दिए। उत्तराखंड महामारी विनियम 2021 के अंतर्गत डेंगू को अधिसूचित बीमारी (नोटिफायेबिल) की श्रेणी में रखा गया है, जिसके अनुसार सरकारी एवं निजी अस्पताल और पैथोलॉजी केन्द्रों को डेंगू मरीज या संदिग्ध मरीजों की सूचना स्वास्थ्य विभाग को देनी अनिवार्य है।
स्वास्थ्य सचिव ने सभी जिलाधिकारियों को निर्देश दिए कि सभी डेंगू को रोकथाम के लिए समय से पहले ही उपाय अपना लें, और उत्तरदायी विभागों के लिए एडवाइजरी जारी करते हुए उनके द्वारा किए जाने वाले कार्यों की नियमित समीक्षा करें. निर्देशों में यह भी कहा गया कि प्रत्येक विभाग डेंगू रोकथाम एवं नियंत्रण के लिए एक नोडल अधिकारी नामित करें और उन्हें अपेक्षित सहयोग के लिए व्यक्तिगत रूप से उत्तरदायी बनाया जाए। सभी सरकारी अस्पतालों में डेंगू आइसोलेशन वार्ड तैयार कर पर्याप्त संख्या में चिकित्सक एवं नर्सिंग स्टाफ, औषधियों की व्यवस्था कर की जाए। डेंगू जांच केन्द्रों पर आवश्यक मात्रा में एलिजा जांच किट तथा गंभीर मरीजों के लिए प्लेटलेट्स की शत प्रतिशत उपलब्धता कर ली जाए।