ज्यादातर सांसद ‘आदर्श गांव’ बनाने के लिए अभी तक नहीं कर पाए गांवों की खोज।

देहरादून – बड़ी ही चिंता का विषय है कि उत्तराखंड के पांच सांसदों में से ज्यादातर सांसद ‘आदर्श गांव’ बनाने के लिए अभी तक गांवों की खोज नहीं कर पाए हैं।

बता दें कि सांसद आदर्श ग्राम योजना के तहत प्रत्येक सांसद से 2024 तक कम से कम आठ गांवों को आदर्श बनाने की जिम्मेदारी लेने की अपेक्षा की गई है। योजना के तहत पौड़ी गढ़वाल सांसद तीरथ सिंह रावत, नैनीताल-ऊधमसिंह नगर के सांसद अजय भट्ट, अल्मोड़ा के सांसद अजय टम्टा को छोड़कर बाकी सभी सांसद अभी तक गांवों का चयन तक नहीं कर पाए हैं जिनका उन्हें सामाजिक, आर्थिक और ढांचागत विकास करना है। केवल गढ़वाल सांसद तीरथ सिंह रावत ही हैं जिन्होंने 2019-20 से लेकर 2023-24 तक कुल पांच गांवों को आदर्श बनाने की जिम्मेदारी ली है।

वहीं सांसद पौड़ी गढ़वाल तीरथ सिंह रावत ने मीडिया से बात करते हुए कहा कि जिन गांवों को गोद लिया गया है, उनमें सभी अधिकारी अपनी-अपनी विभागों की योजनाओं को लेकर पहुंच रहे हैं और वे खुद भी और गांव की दशा दिशा के लिए अधिकारियों से समीक्षा कर रहे हैं। साथ ही तीरथ सिंह रावत ने कहा कि उत्तराखंड में मानसून सत्र के दौरान आए दिन आपदा जैसी घटनाएं होती रहती हैं, जिसके लिए केंद्र सरकार की तरफ से एनडीआरएफ की टीम जगह-जगह पर भेजी जा चुकी है। उन्होंने कहा कि ऐसे हालात में सरकार त्वरित गति से निर्णय लेती है साथ ही मानसून सत्र के लिए भी पूरी तैयारियां कर ली गई है।

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