“जो देश द्रोही है वो मेरा बेटा नहीं हो सकता”

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लखनऊ:आतंकी सैफुल्लाह के पिता सरताज ने अपने बेटे का शव लेने से मना कर दिया है. सैफुल्ला के पिता सरताज ने कहा, ”बेटे का शव ना लेने की वजह यही है कि उसने कभी मेरा कहा नहीं माना. उसका फोन आखिरी बार जब आया था तो उसने कहा था कि मेरा सऊदी का वीज़ा हो गया है इसलिए हम जा रहे हैं. हम देशद्रोही बेटे का शव नहीं लेंगे. जो देश द्रोही है वो मेरा बेटा नहीं हो सकता.”

ANI से बातचीत में सैफुल्ला के रिश्तेदार ने बातचीत में कहा कि हर कोई स्तब्ध है कि वह ऐसा करेगा. वह पांच टाइम की नमाज पढ़ता था. किसी ने उससे यह उम्मीद नहीं की थी.

इससे पहले, कानपुर शहर और पड़ोसी जिले उन्नाव से पकड़े गये दो संदिग्धों को पूछताछ के लिये यूपी एटीएस की टीम आज सुबह लखनऊ ले गयी. इन दोनों के परिजन से भी एटीएस ने पूछताछ की और इस दौरान अन्य संदिग्धों की तलाश में पुलिस का अभियान आज दूसरे दिन भी जारी रहा.

संदिग्धों के शिक्षक पिता ने अपने बेटों को निर्दोष बताया. कानपुर के रिटायर्ड टीचर नसीम के दो बेटों फैसल और इमरान पर आतंकी होने का शक है, सैफुल्लाह इन्हीं का चचेरा भाई था. फैसल और इमरान के पिता नसीम का कहना है कि उनके बेटे बेकसूर हैं.

दरअसल, मध्य प्रदेश में तीन आतंकवादी पकड़े गए हैं जिनमें से दो कानपुर के हैं. उनसे जो पूछताछ हुई तो उन्होंने फैसल और इमरान का नाम लिया. फैसल और इमरान की निशानदेही पर सैफुल्ला को पकड़ा गया.

गौरतलब है कि जिस घर में सैफुल्‍ला छिपा था, उसके मालिक का नाम बादशाह है. बादशाह सऊदी अरब में रहता है और माना जा रहा है कि उसने छह महीने पहले चार लोगों को यह मकान किराए पर दिया था.

सुरक्षा एजेंसियां सैफुल्ला को जिंदा पकड़ना चाहती थीं ताकि आतंकियों के मॉड्यूल की और जानकारी मिल सके. इसके लिए मिर्ची बम का इस्तेमाल भी किया गया.

 

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