जोशीमठ आपदा प्रभावितों के लिए एक हफ्ते में तैयार होंगे प्री-फेब्रीकेटेड भवन, यहां की गई भूमि चयनित।

देहरादून – जोशीमठ आपदा प्रभावित के लिए मॉडल प्री-फेब्रीकेटेड भवन एक सप्ताह में तैयार किए जाएंगे। इसके लिए जोशीमठ से एक किमी पहले टीसीपी तिराहा के पास उद्यान विभाग की भूमि का चयन किया गया है। सचिव आपदा प्रबंधन डॉ. रंजीत सिन्हा ने बताया कि टीसीपी तिराहा जोशीमठ के पास उद्यान विभाग की भूमि है।

सीबीआरआई की ओर से इस भूमि को हरी झंडी दी गई है। एक सप्ताह के भीतर यहां वन-बीएचके, टू-बीएचके और थ्री बीएचके के तीन मॉडल घर तैयार हो जाएंगे। इसके लिए एजेंसी का चयन कर लिया गया है। एजेंसी के लोग बुधवार तक जोशीमठ पहुंच जाएंगे।

उन्होंने बताया कि स्थायी विस्थापन के लिए चार में एक जगह पीपलकोटी को फाइनल कर दिया गया है। जिला प्रशासन इस मामले में कोई जल्दबाजी नहीं करना चाहता है। सुरक्षित स्थान मिलने पर अंतिम पर उसका चयन किया जाएगा।

जोशीमठ में भू-धंसाव नहीं रुक रहा है। अब तक शहर के 849 भवनों में दरारें आ चुकी हैं। वहीं, होटल माउंट व्यू और मलारी इन के बाद अब दो अन्य कॉमेट और स्नो क्रेस्ट होटलों में भी दरारें आई हैं। होटल आपस में मिलने लगे हैं। वहीं, तहसील भवनों के ऊपरी और निचले हिस्से में भी भू-धंसाव हो रहा है।

जोशीमठ में भू-धंसाव के बाद नए घरों में दरारों के आने का सिलसिला जारी है। हालांकि शासन-प्रशासन के अधिकारियों को दावा है कि नए घरों में दरारें नहीं आई हैं। सर्वे के साथ नए दरार वाले घरों की संख्या बढ़ रही है। मंगलवार को 89 नए घरों में दरारें दर्ज की गईं। इस तरह से दरार वाले घरों की संख्या बढ़कर 849 हो गई है।

सचिव आपदा प्रबंधन डॉ. रंजीत सिन्हा ने पत्रकारों से इस संबंध जानकारी साझा की। उन्होंने बताया कि गांधीनगर में एक, सिंहधार में दो, मनोहरबाग में पांच, सुनील में सात क्षेत्र असुरक्षित घोषित किए गए हैं।

इन वार्डो में 167 भवन असुरक्षित क्षेत्र घोषित किए गए हैं। यहां के 250 परिवारों के 838 सदस्यों को सुरक्षा के दृष्टिगत अस्थायी रूप से विस्थापित किया गया है। जिन्हें प्रशासन की ओर से चिह्नित शिविरों में रखा गया है।

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