दिल्ली में जेएनयू के झेलम हॉस्टल में रहने वाले रिसर्च स्कॉलर रजनी कृष ने कथित तौर पर खुदकुशी कर ली है और वहां से कोई सुसाइड नोट नहीं मिला है. तमिलनाडु का ये छात्र रोहित वेमुला को इंसाफ दिलाने की मुहिम से भी जुड़ा था.
दिल्ली में जेएनयू के झेलम हॉस्टल में रहने वाले रिसर्च स्कॉलर रजनी कृष ने मुनिरका विहार के मकान में अपने एक दोस्त के कमरे में आत्महत्या कर ली. कल दोपहर वो होली खेलने के बाद अपने दोस्त के घर आया था.
दोस्तों के साथ होली पर लंच के बाद दे दी जान
होली मनाने के लिए क्रिश और उसके 7-8 दोस्त फ्लैट में इक्ट्ठा हुआ थे. दोस्तों के मुताबिक वह सुबह से ही थोड़ा परेशान दिख रहा था। दोपर एक बजे के आस-पास सभी दोस्त क्रिश के फ्लैट में एकत्र हुए थे. वह ठीक तरह से बात नहीं कर पा रहा था. फिर उसने दोस्तों से सोने के लिए बोला। उसके बाद वह फ्लैट के कमरे में सोने चला गया और दरवाजा अंदर से बंद कर लिया। लगभग दो बजे दोस्तों नें खाने के लिए दरवाजा को खटखटाया तो अंदर से कोई जवाब नहीं मिला. दोस्तों को लगा कि वह सो रहा है. कुछ देर बाद भी कमरे से कोई जवाब नहीं मिलने पर दोस्तों ने दरवाजे को जोर से जोर से पीटना शुरू कर दिया. इसी दौरान दरवाजे के गैप देखा कि क्रिश पंखे से लटक रहा है. इसके बाद दोस्तों ने पुलिस को बुलाया. पुलिस ने दरवाजे को तोड़कर शव को बाहर निकाला और पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया.
सोशल मीडिया पर लिखा था पोस्ट
मौके से कोई सुसाइड नोट नहीं मिला है और तब तक उसकी फेसबुक पोस्ट से ही कोई सिरा पकड़ने की कोशिश हो रही है. जिसमें आगे उसने एमफिल और पीएचडी के दाखिले में असमानता की बात लिखी थी. हालांकि उसके दोस्तों भी उसकी खुदकुशी की सही वजह नहीं तलाश पा रहे हैं.
उसने 10 मार्च को किए फेसबुक पोस्ट में लिखा है ‘एमफिल: पीएचडी दाखिले में कोई समानता नहीं है, मौखिक परीक्षा में कोई समानता है.’ उन्होंने कहा, ‘जब समानता नहीं मिलती है तब कोई चीज नहीं मिलती है.’