रुद्रप्रयाग, कुलदीप राणा: रुद्रप्रयाग और चमोली जनपद की सीमा पर कार्तिक स्वामी मंदिर के आधार शिविर कनकचैंरी में गढ़वाल मंडल विकास निगम द्वारा 1 करोड़ 59 लाख की लागत से बनाये जा रहे पर्यटक आवास गृह के अधूरे निर्माण पर अब वन भूमि का ग्रहण लग गया है। हालांकि ग्रामीणों का दावा है कि यह भूमि शिविल है जिसे ग्रामीणों ने गढ़वाल मंडल विकास निगम को लिखित रूप में हस्तांतरित कर दिया है। लेकिन वन विभाग रूद्रप्रयाग अब आवास गृह के 70 प्रतिशत निर्माण कार्य पूर्ण होने के बाद इस भूमि को अपना बता रहा है। स्थिति यह है कि साल 2015 में जीएमवीएन ने यह निर्माण कार्य आरम्भ किया था और एक साल बाद इसे भूमि विवाद के चलते बंद कर देना पड़ा। ऐसे में गढ़वाल मंडल विकास निगम द्वारा इस आवास गृह को अब तिलवाड़ा में शिफ्ट करने की योजना बनाई जा रही है। उधर ग्रामीणों ने आवास गृह को स्थानातंरण करने को विरोध जताया है और आन्दोलन की चेतावनी दी है।
गौरतलब है कि कार्तिक स्वामी मंदिर समिति के अध्यक्ष शत्रुघन सिंह नेगी ने गढ़वाल मंडल विकास निगम और वन विभाग के इस विवादित प्रकरण को सुलझाने के लिए वृस्पतिवार को जिलाधिकारी को ज्ञापन सौंपा गया गया था जिस पर डीएम मंगेश घिल्डियाल ने राजस्व और वन विभाग की एक संयुक्त जांच कमेठी गठित कर जांच के आदेश दिए। शनिवार को पटवारी पोखरी और वन विभाग रुद्रप्रयाग व गढ़वाल मंडल विकास निगम के उच्चाधिकारियों की मौजूदगी में खाता खतौनी और खसरा लेकर इस भूमि की पैमाईश की गई। जिससे पाया गया कि यह भूमि वन विभाग की है। उधर ग्रामीण छोटिया सिंह, बलराम सिंह नेगी, चन्द्र सिंह, मंगला देवी आदि का कहना है यह हमारी शिविल भूमि है जिस पर वन विभाग द्वारा कब्जा किया गया है। गढ़वाल मंडल विकास निगम के डी0जी0एम0 गम्भीर सिंह का कहना है कि पर्यटन विभाग द्वारा यह पर्यटक आवास गृह के लिए यह जगह सुझाई गई थी जिस पर ग्रामीणों से अनापत्ति प्रमाणपत्र लेकर निर्माण कार्य आरम्भ किया गया था। उधर एस डी ओ महिपाल सिंह सिरोही ने कहा कि यह वन भूमि है और इसे गढ़वाल मंडल विकास निगम को स्थानांतरण की प्रक्रिया चल रही है।