जानिए क्यों : 21 अक्टूबर को ही क्यों मनाया जाता है पुलिस शहीद स्मृति दिवस

ड्यूटी के दौरान अपनी कुर्बानी देने वाले पुलिस कर्मियों की याद में हर साल पुलिस शहीद स्मृति दिवस 21 अक्टूबर को मनाया जाता है. कुर्बान होने वाले पुलिस कर्मियों के परिजनों के लिए ये दिन यादगार तो होता ही है साथ ही पुलिस कर्मियों को सरकार की तरफ से सौगात मिलने का इंतजार रहता है. खास तौर पर स्मृति परेड का भी आयोजन किया जाता है।

पुलिस स्मृति दिवस प्रत्येक वर्ष 21 अक्टूबर को मनाया जाता है। पुलिस स्मरण दिवस के महत्व के बारे में सीआरपीएफ की बहादुरी का एक किस्सा है, गौरतलब है कि आज से 57 वर्ष पहले 21 अक्टूबर 1959 में लद्दाख में तीसरी बटालियन की एक कम्पनी को भारत-तिब्बत सीमा की सुरक्षा के लिए लद्दाख में ‘हाट-स्प्रिंग‘ में तैनात किया गया था। कम्पनी को टुकड़ियों में बांटकर चौकसी करने को कहा गया। जब बल के 21 जवानों का गश्ती दल ‘हाट-स्प्रिंग‘ में गश्त कर रहा था। तभी चीनी फौज के एक बहुत बड़े दस्ते ने इस गश्ती टुकड़ी पर घात लगाकर आक्रमण कर दिया। तब बल के मात्र 21 जवानों ने चीनी आक्रमणकारियों का डटकर मुकाबला किया। मातृभूमि की रक्षा के लिए लड़ते हुए 10 शूरवीर जवानों ने अपने प्राणों का बलिदान दिया। हमारे बल के लिए व हम सबके लिए यह गौरव की बात है कि केन्द्रीय रिजर्व पुलिउस बल के इन बहादुर जवानों के बलिदान को देश के सभी केन्द्रीय पुलिस संगठनों व सभी राज्यों की सिविल पुलिस द्वारा ‘‘पुलिस स्मरण दिवस‘‘ के रूप में मनाया जाता है।

हर राज्य का पुलिस बल उन बहादुर पुलिस वालों की याद में इस दिवस का आयोजन करता है, जिन्होंने जनता एवं शांति की रक्षा के लिए अपना जीवन कुर्बान कर दिया। लेकिन दुःख की बात यह है कि इन परेडों में लोगों की उपस्थिति बहुत कम होती है।

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