जाँच के घेरे में सिडकुल, गिर सकती है कई अधिकारियो पर गाज !

सूत्रों के मुताबिक सिडकुल में भू-आवंटन को लेकर उठे सवालो के बाद अब इसकी जाँच भी शुरू हो गई है। पंतनगर में आवंटित भू-खंड और एक कंपनी को ब्याज दरों में दी गई छूट का मामला मुख्य रूप से शामिल है। बताया जा रहा कि इस मामले में शासन स्तर से सिडकुल हरिद्धार और पंतनगर में आवंटित भू-खंडो के सम्बन्ध में जानकारी मांगी जा रही है। ताकि इन मामलों का नए सिरे से परिक्षण हो सके।
सिडकुल में भूखंडो को सर्किल रेट से भी कम बेचे जाने का मामला पिछली कांग्रेस सरकार के दौरान खूब उठा था। तब विपक्षी में रहते हुए बेजीपी ने इस मामले पर सदन से लेकर सडको तक जमकर हंगामा किया था। बीजेपी ने तब यह आरोप लगाए थे कि सस्ते दरों पर भूखंडो को खरीदने के बाद इन्हे कही अधिक कीमतों पर आगे बेचा गया। बीजेपी ने तब सदन में दस्तावेज पेश कर आरोप लगाया था कि इसमें 200 करोड़ से अधिक का घोटाला हुआ है। तब बीजेपी का आरोप था कि इस करोडो के घोटाले में कई वरिष्ठ अधिकारियो के साथ-साथ सरकार के मंत्री शामिल है। हलाकि तत्कालीन सरकार ने बीजेपी के इन आरोपों को सिरे से ख़ारिज कर दिया था।
विपक्ष के कड़े तेवर और बढ़ते हंगामे के बाद 2015 में तत्कालीन कांग्रेस सरकार ने इस मामले में जाँच का आश्वासन दिया था, अब उस पर अमल किया गया है। जानकारों के मुताबिक औधोगिक विकास विभाग ने इस मामले की जाँच वित्त सचिव अमित नेगी को सौंपी है। उनसे जल्द ही मामले की जाँच कर रिपोर्ट शासन को सौपने को कहा गया है।
सूत्रों के मुताबिक मुख्यमंत्री कार्यालय से भी इस संबंध में गंभीरता से जाँच करने के निर्देश दिए गए है। अब इस दिशा में तेजी से काम हो रहा है। हलाकि इस पूरी कार्यवाही को काफी गोपनीय रखा जा रहा है। सूत्रों की माने तो इस घोटाले में कई प्रभावशाली लोगो के शामिल होने की आशंका के चलते एहतियात बरती जा रही है।

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