छात्रों के भविष्य से खिलवाड़!

रुद्रप्रयाग;   एक तरफ जहाँ प्रदेश सरकार सरकारी शिक्षा व्यवस्था को ढर्रें पर लाने के लिए तमाम तरह के दावें कर रही वहीं सरकार ही विभिन्न योजनाओं और रैलियों को सफल बनाने का जिम्मा सरकारी विद्यालयों के छात्र-छात्रों के भरोसे छोड़ रखा है ऐसे में छात्रों का पाठन चैपट होता जा रहा है।

रुद्रप्रयाग जनपद में आए दिन हो रहे सरकारी कार्यक्रमों में लगातार सरकारी विद्यालयों के छात्र-छात्राओं की भागीदारी से छात्रों की पढ़ाई खराब हो रही है। आज कुछ ऐसा ही वाक्य फिर सामने आया जब केन्द्र और राज्य सरकार की महत्वकांक्षी योजना नमामी गंगे प्रोजेक्ट के तहत चलाये जा रहे स्वच्छता पखवाड़े में छात्रों को पढ़ाई लिखाई छोड़ कर इसका हिस्सा बनाया गया लेकिन कार्यक्रम में आलम यह रहा कि छात्रों के शोरगुल के बीच मुख्य अतिथियों के उद्घोष और स्वच्छता से संबंधित जानकारियां दबकर रह गई। यह बात मुख्य अतिथि मुख्य विकास अधिकारी ने भी स्वीकार की लेकिन बाद में मीडिया के सामने उन्होंने इसे नकार दिया।
कार्यक्रम के बाद जब बच्चों से पूछा गया कि पूरा कार्यक्रम किसलिए आयोजित किया गया था और आप इस कार्यक्रम से कितना सीख पाये तो बच्चे कुछ भी बताने में समर्थ नहीं दिखे। वहीं जब स्वच्छता रैली निकाली गई तो एक तरफ से बच्चों ने गुरुजनों के कहने पर सफाई तो की मगर जब रैली खत्म हुई तो हाथों के ग्लफ्स और मुँह का मास्क सड़कों पर छोड़ते चले गए। अब स्वंय ही अंदाजा लगाया जा सकता है सरकार के ये कार्यक्रम किस दिशा में आगे बढ़ रहे हैं।
जब आए दिन सरकारी कार्यक्रमों का जिम्मा छात्रों को निभाना पड़ेगा तो आखिर सरकारी शिक्षा व्यवस्था पटरी पर आयेंगी कैसे? हालांकि इन कार्यक्रमों से बच्चे कुछ भी सीख नहीं लेते हैं यह केवल रस्मअदायगी ही होती है। विभाग भारी बजट दिखाकर अपने कतव्यों की इतिश्री कर लेते हैं मगर इस अनोखे खेल का खामियाजा तो छात्रों को ही भुगतना पड़ता है।

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here