पांच राज्यों में विधानसभा चुनाव होने वाले है। चुनाव से पहले बजट पेश करना विपक्षियों के गले की हड्डी बन चुका है। पर सरकार ने साफ किया है कि चुनाव से पहले ही बजट प्रस्तुत किया जाएगा। ऐसे में यूपी के मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने पीएम नरेद्र मोदी के नाम पत्र लिखा है। पत्र लिखने की पीछे उनकी असल मंशा क्या है ये तो राजनीति जानकारों ने अपने हिसाब से बता दिया है। फिलहाल चिठ्ठी में पीएम मोदी को अखिलेश बजट चुनाव से पहले पेश न करने की अपील की है
अखिलेश यादव ने अपने पत्र में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से अपील की है कि वह प्रदेश की जनता के नुमाइंदे हैं और वह उनसे गुजारिश करते हैं कि देश के पांच राज्यों में चुनाव के मद्देनजर रेल व आम बजट को चुनाव के बाद पेश किया जाए।
अखिलेश ने अपनी चिट्ठी में लिखा है कि अगर चुनाव से पहले बजट पेश होता है तो यूपी के लिए आप किसी योजना का ऐलान नहीं कर सकते, ऐसे में यूपी का बड़ा नुकसान होगा. यूपी राज्य जिसमें देश की बड़ी जनसंख्या निवास करती है को भारत के आगामी सामान्य/रेल बजट में कोई विशेष लाभ/योजना प्राप्त नहीं हो सकेगी, जिसका सीधा प्रतिकूल प्रभाव यूपी के विकासकार्यों एवं यहां के 20 करोड़ निवासियों के हितों पर पड़ेंगा. साथ ही अखिलेश ने यह भी लिखा है कि 2012 में राज्यों के चुनाव की वजह से चुनाव बाद बजट पेश किया गया था.
अखिलेश यादव ने अपने पत्र में लिखा है कि चुनाव घोषित होने के बाद इन सभी राज्यों में आचार संहिता लागू है, लिहाजा सरकार इन राज्यों के लिए कोई बड़ी घोषणा नहीं कर सकती है लिहाजा इसका सीधा नुकसान प्रदेश की जनता को होगा।
उल्लेखनीय है कि 16 राजनीतिक दलों ने चुनाव आयोग से आग्रह किया था कि वह सरकार से चुनाव के बाद केंद्रीय बजट पेश करने के लिए कहे ताकि इसका उपयोग पांच राज्यों में मतदाताओं को प्रभावित करने के लिए नहीं किया जा सके, जहां चुनाव होने हैं.