घर में इन देवताओ की मूर्ती रखने से होता है विनाश!

सनातन धर्म में देवी देवताओ की पूजा उनकी मूर्ती सामने रख कर की जाती है, ऐसा माना जाता है कि मूर्ती घर में रखने से घर के सारे कष्ट दूर हो जाते है और नकारात्मक ऊर्जा घर के अंदर झांक भी नही सकती. लेकिन कुछ देवी देवता ऐसे भी है जिनकी पूजा तो की जाती है लेकिन उनकी मूर्ती घर में रखना अच्छा नही माना जाता. शास्त्रों की माने तो कुछ एक देवी देवतओं की मूर्ती घर में रखने से बहुत नुकसान भी हो सकता है. चलिए जानते हैं किन देवतओं की मूर्ती घर में कभी नही रखनी चाहिए.

  •  भगवान भैरव की पूजा वैसे तो अत्यंत फलदाई मानी जाती है लेकिन साथ ही शास्त्रों की मानें तो भैरव बाबा की तस्वीर घर मे रखना अशुभ माना जाता है. भैरव को तंत्र का भगवान माना जाता है इसलिए खा जाता है की उनकी तस्वीर हमेशा खुले में रखनी चाहिए इसलिए इनकी पूजा विशेष तौर पर तंत्र कर्म के लिए की जाती है ना कि घरों में पूजा-अर्चना के लिए।
  • नटराज भी भगवान शिव का एक रूप हैं जिनकी मूर्ति अधिकतर लोग घरों में संस्कृति और कला के प्रतीक स्वरूप रखते हैं, खासकर नृत्य करते नटराज की मूर्ति लगभग हर क्‍लासिकल डांसर के घर में रखी मिलती है लेकिन वास्तव में ऐसा नही करना चाहिए। दरअसल नटराज की प्रतिमा के दो पहलू होते हैं.. एक ओर शिव अपने नृत्य में कला का रूप दिखा रहें हैं तो वहीं दूसरी ओर यह नृत्‍य विनाश का प्रतीक भी माना जाता है और देखा जाए तो नटराज की मूर्ति में शिवजी का रौद्र यानी क्रोधित रूप दिखाई देता है। ऐसे में शिवजी के क्रोधित स्वरूप को घर में रखने से अशांति बढ़ती है। वास्तु के अनुसार भी नटराज की मूर्ति को अपने घर पर रखने से बचना चाहिए

  • शनि देव के क्रोध से बचने के लिए उनकी पूजा अर्चना करने का सुझाव दिया जाता है लेकिन वहीं ये भी मान्यता है कि शनि देव की मूर्ति या तस्वीर कभी भी घर में नही लगानी चाहिए।  दरअसल घर में शनि देव की मूर्ति रखना अशुभ माना जाता है। ऐसे में इनकी पूजा घर के बाहर किसी मंदिर या देव स्थल पर ही करना चाहिए और इनकी मूर्ति घर में लाने से बचना चाहिए।
  • राहु-केतु के बारे में माना जाता है कि ये पहले असुर थे और संमुद्र मंथन से प्राप्त अमृत को इन्होंने देवताओं के साथ ग्रहण कर लिया था और इसी कारण ये अमर हो गए और देवता भी माने गए।  इनकी पूजा भी घर से बाहर करने पर ही शुभ फल की प्राप्ति होती है।

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