गठबंधन का सीधा मतलब है कमजोर हो चुकी है समाजवादी पार्टी: मायावती

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नयी दिल्ली:यूपी में सियासी जंग शुरू हो गई है। एक तरफ अखिलेश यादव ने रथ यात्रा का आगाज कर दिया है। वहीं बसपा सुप्रीमो मायावती ने भी जुबानी तकरार छेड़ दी है। मायावती ने अखिलेश पर तंज कसते हुए कहा कि जो अभी से गठबंधन की बात कर रहा है उससे पता चलता है कि उनकी पार्टी कितनी कमजोर है।

बीएसपी अध्यक्ष मायावती ने एक अंग्रजी अखबार को दिए इंटरव्यू में अखिलेश के ताजा बयान को समाजवादी पार्टी की मजबूरी बताया है. मायावती ने कहा कि समाजवादी पार्टी गठबंधन चाहती है क्योंकि वह पूरी तरह से कमजोर हो चुकी है. उन्होंने कहा कि मुलायम परिवार वर्चस्व की लड़ाई लड़ रही है.

मायावती ने कहा, “समाजवादी पार्टी का सबसे बड़ा वोट आधार यादव हैं. अब इसका बंटना तय है. ओबीसी तबके में ये मैसेज जा चुका है कि वे बंट चुके हैं. मुसलमानों ने फैसला कर लिया है कि वो उसी पार्टी को वोट देंगे जो बीजेपी को हराएगा. इसका का सीधा मतलब है कि बीएसपी को फायदा मिलेगा.”

समाजवादी पार्टी के साथ साथ कांग्रेस पर धावा बोलते हुए मायवती ने कहा कि एक तरफ जहां कांग्रेस का राज्य में कोई बेस नहीं है वही दूसरी तरफ जिस तरह से समाजवादी पार्टी ने गठबंधन के संकेत दिए है इससे साफ जाहिर हो रहा है कि पार्टी पूरी तरह से कमजोर हो चुकी है. मायावती ने कहा कि समाजवादी पार्टी की सरकार राज्य में कोई भी नया काम करने में विफल रही है और उपर से उनके जरिए किए गए कामों को ही एक नया नाम देकर आगे बढ़ा रही है. उन्होंने कहा, हमनें महामाया पेंशन योजना की शुरूआत की थी और अखिलेश सरकार ने इसे एक नए नाम समाजवादी पेंशन योजना के साथ चला रही हैं.

बीजेपी पर निशाना साधते हुए मायवती ने कहा कि उन्होंने राज्यसभा में एससी-एसटी के आरक्षण (प्रमोशन) को लेकर एक बिल पास करवाया है लेकिन बीजेपी ने लोकसभा में इसे लटका दिया. मायवती का मानना है कि कोई भी इस बार दलितों को ठग नहीं सकता. वे समझ चुके हैं और हमारी पार्टी के साथ हैं. बीएपी सुप्रीमों ने यह भी कहा कि रोहित वेमुला और उना में हुए दलितों पर हमले की कीमत बीजेपी को यूपी विधानसभा और 2019 में होने वाले लोकसभा चुनाव में चुकानी पड़ेगी. राज्य में बीजेपी की स्थिति पर मायावती ने कहा कि पार्टी अपना सीएम उम्मीदवार की घोषणा नहीं कर रही है क्योंकि उन्हें डर है कि ऐसा करने पर उनका वोट बैंक खराब हो सकता है.

विधानसभा चुनाव को लेकर मायावती ने स्पष्ट कहा कि जनता बीएसपी को ही वोट करेंगे, क्योंकि बीजेपी और समाजवादी पार्टी दोनों ही सांप्रदायिक राजनीती करते हैं. बीजेपी और समाजवादी पार्टी पर आरोप लगाते हुए मायावती ने कहा कि अखिलेश सरकार के दौरान साल 2013 में मुजफ्फरनगर दंगे हुए. जिसके लिए समाजवादी पार्टी और बीजेपी दोनों जिम्मेदार हैं. जब हमारी सरकार थी तब किसी भी तरह का सांप्रदायिक दंगा नहीं हुआ.

मायावती ने साफ किया वो सर्व जन हिताय सर्व जन सुखाए के सिद्धांत पर राजनिती करते हैं. कुछ लोग पार्टी को छोड़कर इधर-उधर चले गए हैं लेकिन इससे कोई फर्क नहीं पड़ने वाला है.

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