देहरादून के चंद्रबनी खालसा जंगल में खौफनाक आरोप को अंजाम दिया गया है। जंगल में एक महिला की नृशंस तरीके से हत्या की गई है। महिला के सिर में लकड़ी का फट्टा बरसाने के बाद उसका गला दबाकर हत्या की गई है। फिलहाल आरोपी फरार है। देर रात महिला की पहचान लखीमपुर खीरी की मधु के रूप में की गई है। हत्या का शक महिला के पति पर है। पुलिस हत्यारे क खोज में है।
पुलिस ने बताया कि महिला को बुरी तरह से जख्मी करने की बाद मारा गया है। महिला ने जान बचाने के लिए संर्घष भी किया थां पर वो हत्यारे से बच नही पाई।बताया गया है कि पटेलनगर कोतवाली क्षेत्र के चंद्रबनी खालसा के जंगल में सुबह करीबन सवा दस बजे कुछ बच्चे खेलने आए थे। तभी उन्होंने किसी महिला की जोर जोर से चिल्लाने की आवाज सुनी। घबराए बचचों ने आवादी में जाकर इसकी सुचना दी तो गांव के प्रधान भगवान सिंह बिष्ट अन्य नागरिकों के साथ जंगल की तरफ दौड़े। इसी दौरान सफेद शर्ट पहने एक युवक जंगल की तरफ भागते हुए देखा। ग्रामीणों ने जंगल में झाड़ियों पर खून के धब्बे और अर्धनग्न अवस्था में महिला का शव देखा तो सारा मामला समझ आ गया।
इसी बीच मौके पर आए एसएसपी डा. सदानंद दाते और एसपी सिटी अजय सिंह भी कई थानों की पुलिस और पीएसी के साथ घने जंगल में घुस गए। रास्ते में आरोपी युवक के भागकर जाने की पुष्टि तो हुई, लेकिन वह हाथ नहीं आ सका। हत्यारोपी मौके पर साइकिल के अलावा लकड़ी का फट्टा, मिट्टी के तेल और थिनर से भरी दो बोतल छोड़ गया है। यह दोनों बोतल एक थैले में रखी हुई थी। एसपी सिटी अजय सिंह ने बताया कि महिला का पति आशाराम मजदूरी करता है और वह अपने तीन बच्चों को यह बताकर गया है कि वह मधू को खोजने जा रहा है।
हत्यारोपी से बचने के लिए महिला चिल्लाई थी, लेकिन उस समय बच्चों के अलावा आसपास कोई नहीं था। प्रधान भगवान सिंह बिष्ट ने बच्चों के हवाले से बताया कि महिला चिल्ला रही थी कि मां बचा लो। बच्चों को लगा था कि कोई महिला पेड़ से गिर गई, लेकिन डर की वजह से वह पास में नहीं गए। जब तक वह लोग आए कातिल अपने मंसूबों को अंजाम दे चुका था।
पुलिस की महिला की पहचान के लिए पूरी ताकत झोंक दी है। पुलिस के व्हाट्स एप ग्रुप में महिला का फोटोग्राफ भेजने के साथ जिले भर की पुलिस को महिला की गुमशुदगी की सूचना को गंभीरता से लेने की हिदायत दी गई है। एसएसपी डा. सदानंद दाते ने बताया कि महिला अथवा हत्यारोपी के बारे में जानकारी देने वालों को 10 हजार रुपये का नगद पुरस्कार दिया जाएगा।
“महिला की पहचान कराना पुलिस की पहली प्राथमिकता है। शिनाख्त होते ही हत्यारोपी तक पहुंचना आसान हो जाएगा। घटनास्थल इस बात की गवाही दे रहा है कि महिला ने खुद को बचाने के लिए संघर्ष किया था। आबादी क्षेत्र में लगे सीसीटीवी कैमरों के बारे में जानकारी हासिल की जा रही है, ताकि कुछ सुराग हाथ लग सके है।”
– डा. सदानंद दाते, वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक