अंकुरित अनाजों को सेहत के लिए हितकारी माना जाता है। अपने स्वास्थ्य को लेकर सजग रहने वाले लोग अक्सर स्प्राउट्स को अपने खाने में विशेष रूप से शामिल करते हैं। वजन घटाने, कब्ज या गैस्ट्रिक आदि परेशानियों में भी लोग स्प्राउट्स खाते हैं। शाकाहारी लोगों के लिए शरीर में बी-12, कई प्रकार की मिनरल्स की आपूर्ति का यह एक अच्छा स्रोत माना जाता है, लेकिन आपको जानकर हैरानी होगी कि स्वास्थ्य की दृष्टि से गुणकारी माना जाने वाला यह स्प्राउट्स आपके स्वास्थ्य को नुक्सान भी पंहुचा सकता है ।
हाल ही में अमेरिकी संस्था एकेडेमी ऑफ न्यूट्रिशन एंड डायटेटिक्स की एक रिसर्च के अनुसार अंकुरित अनाज या स्प्राउट्स आपको कई प्रकार की बीमारियां दे सकते हैं। अधिकांश घरों में जो कच्चे स्प्राउट खाए जाते हैं उनमें ‘साल्मोनेला टाइफी’ और ‘लिस्टीरिया’ बैक्टीरिया होते हैं।
साल्मोनेला टाइफाइड के लिए जिम्मेदार होता, इसलिए नियमित रूप से इसे खाने वालो को टाइफाइड हो सकता हैं। वहीं ‘लिस्टीरिया’ से ई-कोलाई, फूड पॉयजनिंग, स्किन इंफेक्शन हो सकता है। यहां तक कि इससे किडनी पर भी बुरा असर पड़ सकता है।
लेकिन इसका मतलब ये नहीं कि इसे खाना छोड़ देना चाहिए। दरअसल, ज्यादातर लोग अनाजों को अंकुरित करने में असावधानी बरतते हैं। वे उसमें पानी छोड़ देते हैं जिससे नमी के कारण उनमे ये बक्टीरिया पनपते हैं। इसलिए स्प्राउट्स खाने में दो बातों का विशेष रूप से ध्यान रखें:
– पहला, कि अनाजों को सही विधि से अंकुरित करें (भीगे हुए अनाज का पानी पूरी तरह निकालकर ही उसे अंकुरण के लिए रखें) और इसे फ्रेश खाएं।
– दूसरा, अंकुरित अनाजों को जितना संभव हो हल्का पकाकर खाएं।
बहुत दिनों तक रखे स्प्राउट में नमी से ये बैक्टीरिया पनप सकते हैं।